UP Madarsa News Today: उत्तर प्रदेश में भारत नेपाल के सीमावर्ती जिलों में शनिवार (3 मई) को भी प्रशासन मस्जिद, मदरसों और मजारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ तहसील दो मदसरों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. बताया जा रहा है कि यह मदरसे बंजर जमीन पर बनाए गये थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ तहसील के जुगड़ीहवा और पिपरा गांव में मौजूद मदरसों पर की गई. दोनों ही मदरसे सरकारी बंजर भूमि पर अवैध अतिक्रमण करके बनाए गए थे. तहसील प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स के साथ इन दोनों मदरसों पर बुलडोजर चला कर इन्हें जमींदोज कर दिया.
बताते दें, भारत नेपाल सीमा क्षेत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ सिद्धार्थनगर जिले में करीब 625 अवैध अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं. जिसमें तीन मस्जिद और 14 मदरसे शामिल हैं. सिद्धार्थनगर जिले में इन अवैध मस्जिद और मदरसों के खिलाफ यह पहली बड़ी कार्रवाई है. जिसके तहत दो मदरसे शोहरतगढ़ तहसील में प्रशासन के जरिये ध्वस्त किए गए हैं.
इस संबंध में जिलाधिकारी राजा गणपति आर ने कहा कि सिद्धार्थनगर जिले में शासकीय भूमि पर जो भी अवैध अतिक्रमण कर मकान बाउंड्री या कुछ भी निर्माण किए गए हैं, उन पर कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए कार्रवाई की जा रही है. इसमें मस्जिद मदरसे या ईदगाह जो भी आएगा, उसके विरुद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
इसी तरह सिद्धर्थनगर के पड़ोसी जिले गोंडा में भी मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई. गोंडा जिले में बिना मान्यता के संचालित हो रहे 163 स्कूल और 18 मदरसों पर अब प्रशासन की सख्ती शुरू हो गई है. डीएम नेहा शर्मा ने संबंधित तहसीलों के तहसीलदार, थाना अध्यक्ष और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए 15 दिन के भीतर इन संस्थानों को सील कर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
डीएम नेहा शर्मा ने निर्देश दिया कि अधिकारियों को कार्यवाही की रिपोर्ट 15 दिन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सौंपनी होगी. सबसे अधिक बिना मान्यता के स्कूल तरबगंज (47), कर्नलगंज (35), मनकापुर (40) और सदर (41) तहसील क्षेत्रों में पाए गए हैं.
15 मदरसे रडार पर
गोंडा जिले के बभनजोत विकासखंड में सबसे अधिक 15 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं, जिनमें मदरसा अल्मरबा अरेबिक कॉलेज इस्लागपुर, मदरसा गुलशन-ए-अहमद रजा बन्दुवरिया शामिल हैं. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि तय समयसीमा के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे.
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