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महाराष्ट्र: 'CM को अच्छी बात के लिए उर्दू...', अबू आजमी ने सरकार पर लगाया उर्दू की अनदेखी का आरोप

Abu Asim Azmi on Urdu Language: महाराष्ट्र विधासभा सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी विधायक अबू आसिम आजमी ने उर्दू जुबान के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार का मुद्दा उठाया. उन्होंने दावा किया महाराष्ट्र में 1975 में उर्दू अकादमी की स्थापना के बाद लगभग 50 सालों से किसी की नियुक्ति नहीं हुई है.   

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सपा विधायक अबू आसिम आजमी (फाइल फोटो)
सपा विधायक अबू आसिम आजमी (फाइल फोटो)
Raihan Shahid|Updated: Jul 02, 2025, 07:01 PM IST
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Maharashtra Monsoon Session 2025: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी प्रमुख अबू आसिम आजमी ने बुधवार  (2 जुलाई) को उर्दू भाषा के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए जरुरी कदम उठाने की मांग की. अबू आसिम आजमी ने कहा कि उर्दू हमारे मुल्क की जुबान है.

सदन में अपने संबोधन के दौरान मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा से विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा, "उर्दू हमारे ही मुल्क की जुबान है, जब भी मुख्यमंत्री या किसी और मंत्री को सदन में अपनी बात रखनी होती है तो वे उर्दू शायरी का सहारा लेते हैं." उन्होंने आगे कहा, "मगर जब उर्दू अकादमी के कयाम और उर्दू जुबान की तरक्की की बात आती है तो हुकूमत नाइंसाफी करती है."

50 साल से नहीं हुई नियुक्ति

सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा, महाराष्ट्र में 14 अप्रैल 1975 को उर्दू अकादमी की स्थापना की गई थी. इसका मकसद उर्दू भाषा की तरक्की थी. जिस समय इसकी स्थापनी की गई थी, उस समय इसका बजट 25 लाख रुपये था. जबकि महाराष्ट्र उर्दू अकादमी की स्थापना के समय इसके 21 मेंबर और 25 स्टाफ थे. इनमें से 24 स्टाफ रिटायर हो गए और इनमें से सिर्फ एक स्टाफ सुपरिन्टेंडेंट के पोस्ट पर काम कर रहा है." सपा विधायक ने दावा किया कि 50 साल हो गए और उर्दू अकादमी में अभी एक भी स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई.

मानखुर्द शिवाजी नगर विधायक अबू आसिम आजमी ने सदन को बताया कि उर्दू अकादमी के लिए हर साल साल एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाता है. हालांकि, यह पैसा कभी मिलता नहीं है और सिर्फ कागज पर प्रावधान किया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार साल से सरकार उर्दू अकादमी की अनदेखी कर रही है. 

'अकादमी में भरे जाएं खाली पद'

सपा विधायक ने मांग की कि "महाराष्ट्र में उर्दू की गोल्डन जुबली साल पर अकादमी जरुरी पदों को भरा जाए." उन्होंने कहा, "साल 1975 में 25 स्टाफ थे, इसलिए मैं मांग करता हूं कि अब 30 से 40 पदों को सृजित किया जाए." उन्होंने कहा कि उर्दू की तरक्की के लिए जितने बजट की जरुरत हो, उसे सरकार को देना चाहिए. जिससे उर्दू की तरक्की हो सके.

अबू आसिम आजमी ने कहा, "उर्दू इसी देश की भाषा है. यहां पर जब मुख्यमंत्री या दूसरे मंत्री को कोई अच्छी बात बोलनी होती है, तो वह उर्दू शायरी का इस्तेमाल करते हैं. इससे उर्दू की लोकप्रियता का पता चलता है." उन्होंने आगे कहा, "उर्दू के साथ बहुत ना इंसाफी हो रही है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार से मांग है कि वह इसकी तरक्की और बेहतरी के लिए जरुरी कदम उठाए."

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