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पहले गुजरात की दरगाह पर हुई बु्लडोजर कार्रवाई, अब SC ने नहीं दी उर्स मनाने की इजाजत

Dargah News: गुजरात के सोमनाथ में एक दरगाह पर उर्स मनाने की इजाजत मांगी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी है. सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि दरगाह कब्जे वाली जमीन पर बनी थी. इसलिए इस पर बुलडोजर कार्रवाई की गई.

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पहले गुजरात की दरगाह पर हुई बु्लडोजर कार्रवाई, अब SC ने नहीं दी उर्स मनाने की इजाजत
Zee Salaam Web Desk|Updated: Feb 01, 2025, 02:37 PM IST
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Dargah News: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास दरगाह का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. दरगाह इंतजामिया ने दरगाह में उर्स मनाने की इजाजत मांगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर इलाके में हाजी मंगरौली शाह दरगाह थी, जो फिलहाल नहीं है. इस दरगाह को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बता कर बुलडोजर से तोड़ दिया गया. यह कार्रवाई सोमनाथ जिला प्रशासन की तरफ से की गई. इल्जाम है कि दरगाह इंतेजामिया को बिना बताए दरगाह पर बुलडोजर कार्रवाई की गई. दरगाह तोड़े जाने के बाद दरगाह इंतेजामिया की तरफ से जिला प्रशासन से उर्स मनाने की इजाजत मांगी गई, लेकिन जिला प्रशासन इससे इंकार कर दिया. इसके बाद दरगाह इंतेजामिया ने उर्स मनाने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, सुप्रीम कोर्ट ने ने भी विवादित जगह पर उर्स मनाने की इजाजत नहीं दी है.

31 जनवरी को हुई सुनवाई
मंगरौली शाह बाबा के याद में उर्स मनाने से जुड़े मामले की सुनवाई शुक्रवार 31 जनवरी को  हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई की सदारत वाली बेंच ने की. कोर्ट के तरफ से मामले को सुनने के बाद दरगाह इंतेजामिया की अपील को खारिज कर दिया गया और विवादित जगह पर उर्स मनाने की इजाजत नहीं दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की अपील को खारिज करते हुए कहा कि "मामले को सुने बिना, अपील में की गई गुजारिश को नहीं मान सकते".

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सालों से मनाया जा रहा उर्स
सुप्रीम कोर्ट में दरगाह पक्ष के वकील की तरफ से गुजरात सरकार पर इल्जाम लगाया गया कि पिछले साल सितंबर के महीने में बिना इंतेजामिया को बताए सोमनाथ जिला इंतजामिया की तरफ से दरगाह पर बुलडोजर कार्रवाई की गई और अब उर्स मनाने से रोका जा रहा है. साथ ही कोर्ट अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि वहां पर सालों से मंगरौली शाह बाबा की याद में उर्स मनाया जाता है. इसलिए 1 से 3 फरवरी तक उस जगह पर उर्स मनाने की इजाजत दी जाए.

सरकारी जमीन पर थी, दरगाह
गुजरात सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले की वकालत कर रहे थे. तुषार मेहता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि जिस जमीन पर विवाद है, उसे साल 1951 में सरदार पटेल ट्रस्ट को सौंपी जा चुकी है. लिहाजा यह जमीन सरकार की है और इस पर किसी भी धार्मिक आयोजन की इजाजत नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर से सटी सरकारी जमीन से पिछले साल कब्जा हटवाया गया. इसमें मंदिर और दरगाह भी शामिल थी.

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