New Delhi News: बीते कुछ सालों में मुसलमानों को टार्गेट करते हुए विवादास्पद फिल्में बनाने का ट्रेंड चल रहा है. इस तरह की फिल्मों ने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया है. इसी तरह की एक और फिल्म रिलीज को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (9 जुलाई) को 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर' फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया.
विवादास्पद फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' के खिलाफ मोहम्मद जावेद ने याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट की तुरंत सुनवाई से इंकार के बाद फिल्म को 11 जुलाई को रिलीज का रास्ता साफ हो गया है, जो पहले से ही निर्धारित था. यह फिल्म कई विवादास्पद विषयों पर आधारित है, इसी वजह से देश के सभी समुदाय के शांति और अमन पंसद लोग फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे हैं.
बता दें, साल 2022 में राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. आरोप ही मृतक कन्हैयालाल ने पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज को रोकने को लेकर याचिका दायर करने वाला जावेद कन्हैया लाल कत्ल केस में 8वां आरोपी है.
याचिकाकर्ता मोहम्मद जावेद ने कोर्ट से मांग की थी कि जब तक इस केस की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह फिल्म उसके इंसाफ पाने के अधिकार को प्रभावित कर सकती है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जॉयमाल्य बागची की बेंच के सामने एडवोकेट प्योली ने दलील दी कि फिल्म का ट्रेलर देखकर लगता है कि यह एक खास समुदाय के खिलाफ भड़काऊ है.
साथ ही याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से यह भी कहा गया कि फिल्म से पहले ही आरोपियों को दोषी दिखाया जा रहा है, जिससे ट्रायल निष्पक्ष नहीं रह जाएगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब यह मामला कोर्ट की छुट्टियों के बाद 14 जुलाई को संबंधित बेंच के सामने रखा जाए. यानी अब फिल्म तय समय पर रिलीज होगी.
'उदयपुर फाइल्स' कन्हैया लाल नाम के दर्जी के कत्ल पर आधारित है. कन्हैया लाल ने जून 2022 में उदयपुर में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उसने बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था. इसके बाद दो मुस्लिम नौजवानों ने कन्हैलाल को बेरहमी से मार डाला था. हमले का वीडियो भी वायरल हुआ था.
आरोप है कि फिल्म का ट्रेलर और प्रचार सामग्री धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने वाली है. इतना ही नहीं फिल्म में ज्ञानवापी का भी जिक्र है, जबकि यह मामला कोर्ट में विचाराधी है. विश्लेषकों की मानें तो इस फिल्म के जरिये एक नैरेटिव सेट करने की कोशिश की जा रही है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि फिल्म हिंदुत्व एजेंडे को बढ़ावा देती है और देश में सांप्रदायिक सौहार्द को खतरे में डाल सकती है.
बता दें, इस फिल्म का निर्देशन भारत एस. श्रीनाटे ने किया है और मुख्य भूमिका में अभिनेता विजय राज हैं. यह पहले 'ज्ञानवापी फाइल्स' नाम से बनाई जा रही थी, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर 'उदयपुर फाइल्स' रख दिया गया है. फिल्म का डिस्ट्रीब्यूश रिलायंस एंटरटेनमेंट कर रही है, जिसे मुस्लिम विरोधी सामग्री परोसने के समर्थन को लेकर आलोचना झेलनी पड़ रही है.