Assam News Today: असम की सियासत में एक बार फिर तपिश बढ़ गई है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रेंट (AIUDF) ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर जमकर जुबानी हमला बोला. साथ ही हालिया दिनों कथित मुस्लिम इलाकों में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर हिमंता बिस्वा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. AIUDF ने असम में बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.
AIUDF के विधायक और पार्टी के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य में मुसलमानों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री खुद इस तरह के हालात को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि असम में 1971 के बाद कोई बांग्लादेशी मुस्लिम नहीं आया है, इसके बावजूद मुसलमानों को अवैध घुसपैठिया बताकर टारगेट किया जा रहा है.
रफीकुल इस्लाम ने कहा, "सरकारी जमीन पर अगर मुसलमानों ने 30 फीसदी कब्जा किया है तो गैर-मुस्लिमों ने 70 फीसदी कब्जा किया है, लेकिन बेदखली की कार्रवाई सिर्फ मुसलमानों पर हो रही है." उन्होंने दावा किया कि "हजारों बोनाफाइड भारतीय नागरिकों के घर बुलडोजर से गिरा दिए गए, जिससे वे बेघर हो गए हैं." AIUDF विधायक ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भूमिहीन लोगों को पुनर्वास दे, न कि उन्हें उजाड़े."
बीजेपी की अगुवाई वाली हिमंता बिस्वा सरमा की असम सरकार पर निशाना साधते हुए AIUDF के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने कहा, "निचले असम के रहने वाले लोगों को ऊपरी असम में परेशान किया जा रहा है, हालांकि वह हर लिहाज से असली भारतयी नागरिक हैं." उन्होंने आगे कहा, "मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लोगों से उनके जीने का हक छीन लिया है. हम राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और मुख्यमंत्री इस्तीफा दें."
असम के कई इलाकों में हालिया दिनों हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी AIUDF ने हिमंता बिस्वा सरमा सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने असम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी खुद संज्ञान लेने की अपील की है ताकि प्रभावित लोगों को इंसाफ मिल सके.
बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान पर रफीकुल इस्लाम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अब असम में भी SIR शुरू करने की तैयारी है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है, लेकिन AIUDF इसका विरोध कर रही है. उन्होंने कहा, "NRC प्रक्रिया में राज्य के लोगों ने सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए थे और उनकी कई स्तरों पर जांच भी हुई, ऐसे में फिर से SIR की कोई जरूरत नहीं है."
AIUDF विधायक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले बयान का पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जरिये पेश किए डेटा और सामने आई कई घटनाओं के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं.
रफीकुल इस्लाम ने यह भी आरोप लगाया कि 1971 के बाद कई हिंदू बंगालियों को CAA के जरिए नागरिकता दी गई, जबकि मुस्लिमों को अवैध बता दिया गया. उन्होंने कहा, "अगर सरकार को लगता है कि कोई बांग्लादेशी मुस्लिम अवैध रूप से असम में है, तो उसे वापस भेजें. हम इसका समर्थन करेंगे, लेकिन असली भारतीय मुसलमानों को परेशान करना पूरी तरह से गलत है."