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Tahir Hussain को मिली कस्टडी पैरोल, लेकिन कोर्ट ने रख दी 5 बड़ी शर्तें

Delhi HC: दिल्ली हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और 5 शर्तों के साथ उन्हें कस्टडी पैरोल दी है. ताहिर दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं.

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Tahir Hussain को मिली कस्टडी पैरोल, लेकिन कोर्ट ने रख दी 5 बड़ी शर्तें
Sami Siddiqui |Updated: Jan 15, 2025, 08:11 AM IST
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Delhi HC: दिल्ली हाई कोर्ट से ताहिर हुसैन को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि राहत की खबर यह है कि उन्हें नामांकन भरने के लिए कस्टडी पैरोल दे दी है. दरअसल ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने के मांग करते हुए याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने लगाई ये शर्त

ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल को दे दी गई है. लेकिन कोर्ट ने कुछ बंदिशे भी लगई हैं. जो कुछ इस तरह हैं.

  1. ताहिर हुसैन उस दिन मोबाइल को एक्सेस नहीं करेगा. इसके साथ ही इंटरनेट का किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
  2. नामांकन पत्र दाखिल करने के प्रोसेस से जुड़े लोगो के अलावा किसी और से ताहिर हुसैन बात नहीं कर सकेंगे.
  3. मीडिया से किसी तरह की कोई बात नहीं होगी.
  4. ताहिर के घरवाले के अलावा किसी और के रहने की इजाजत नहीं है.
  5. नामांकन के फ़ोटो क्लिक करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की इजाज़त उन्हें नहीं होगी.

ताहिर हुसैन नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार

ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के आरोपी हैं और उन पर यूएपीए के तहत मुकदमा चल रहा है. वहीं आईबी ऑफिसर अंकित के मर्डर के मामले में भी उनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. इन सभी मामलों को लेकर ताहिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि बीते रोज़ कड़कड़डूमा कोर्ट ने उनकी याचिका को अगले दिन के लिए टाल दिया था.

दोबारा करना होगा सरेंडर

ताहिर हुसैन अब नामांकन भर सकते हैं, इसके बाद उन्हें दोबारा से सरेंडर करना होगा. वह दिल्ली चुनाव जेल से ही लड़ने वाले हैं. बता दें, दिल्ली दंगों में 59 लोगों की जान गई थी. मरने वालों में आईबी ऑफिसर अंकित भी शामिल थे.

दिल्ली हाई कोर्ट  ने क्या कहा?

दिल्ली HC ने अंतरिम ज़मानत की मांग ठुकराते हुए कहा कि  ताहिर पर  दिल्ली दंगों की साजिशकर्ता होने का आरोप है, जिसमे 59 लोगों की जान गई. कोर्ट इस तथ्य को नज़रंदाज़ नहीं कर सकता. सिर्फ पूर्व पार्षद होने के चलते वो अंतरिम ज़मानत का हकदार नहीं हो जाते.

पुलिस ने जो चाहा वही हुआ

पुलिस चाहती थी कि ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत न मिले और कस्टी पैरोल पर ही वह अपना नामांकन दाखिल करे. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को कहा था कि उन्हें नामांकन कस्टडी पैरोल से ही भरनी चाहिए, ऐसा पहले भी किया जा चुका है. वहीं ताहिर हुसैन के वकील ने कश्मीर के इंजीनियर रशीद का उदाहरण देते हुए कहा था कि उन्हें उनकी तरह चुनाव प्रचार के लिए जमानत दे देनी चाहिए.

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