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Tirumala में गैर हिंदुओं को काम करता देख भड़के मंत्री संजय कुमार; बोले, जल्दी हटाओ इन्हें

Muslim News: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार तिरुमाला मंदिर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यहां गैर हिंदुओं को काम करते देखा तो वह भड़क गए और कहने लगे कि क्या किसी मस्जिद या गिरजाघर में तिलक लगाए आदमी को काम करते देखा है.

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Tirumala में गैर हिंदुओं को काम करता देख भड़के मंत्री संजय कुमार; बोले, जल्दी हटाओ इन्हें
Sami Siddiqui |Updated: Jul 12, 2025, 09:03 AM IST
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Muslim News: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन के मौके पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में गैर-हिंदुओं के नौकरी देने पर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की है. भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने सवाल उठाया कि टीटीडी में गैर-हिंदुओं को नौकरी कैसे दी जा सकती है? सरकारें और प्रशासन बदलने के बावजूद ये लोग अभी भी काम पर क्यों बने हुए हैं? जब टीटीडी में एक हजार से अधिक गैर-हिंदू कार्यरत हैं तो इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए.

गैर हिंदुओं से आपत्ति

संजय कुमार ने कहा कि टीटीडी को उन मंदिरों के लिए धन आवंटित करना चाहिए जो धूप-दीप-नैवेद्यम जैसे बुनियादी अनुष्ठान भी कराने लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह कबूल नहीं किया सकता है कि टीटीडी में ऐसे लोग काम कर रहे हैं जिन्हें न तो हिंदू धर्म में आस्था है और न ही भगवान में विश्वास.

क्या मस्जिद में देखें है तिलक लगाए लोग

उन्होंने कहा, "क्या कभी किसी मस्जिद या चर्च में किसी हिंदू को, जो माथे पर तिलक लगाए हो, नौकरी मिलेगी? नहीं मिलेगी, तो फिर टीटीडी में गैर-हिंदुओं को नौकरी क्यों दी जा रही है? सरकार बदलने के बावजूद इस पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है? मैं इनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग करता हूं."

संजय कुमार ने जोर देते हुए कहा कि तिरुमला हिंदुओं का है, अगर कोई गैर-हिंदू या विदेशी भगवान के दर्शन करना चाहता है तो उसके लिए विश्वास का ऐलान करना जरूरी है. दुर्भाग्यवश, टीटीडी में एक हजार से अधिक गैर-हिंदू कार्यरत हैं, जिनमें से कई को न तो हिंदू धर्म में आस्था है और न ही भगवान वेंकटेश्वर में. ऐसे लोगों को काम पर क्यों रखा जा रहा है?

हम ऐसे लोगों को क्यों दे रहे हैं वेतन

उन्होंने कहा कि यह हालात न केवल ना काबिले बर्दाश्त है बल्कि इससे मंदिर की धार्मिक परंपराएं और अनुष्ठान भी प्रभावित हो रहे हैं.हम ऐसे लोगों को वेतन क्यों दे रहे हैं जो भगवान में विश्वास ही नहीं रखते? देशभर के हिंदू इसका विरोध कर रहे हैं. यह कहना काफी नहीं है कि ये नियुक्तियां पुरानी हैं, यह प्रथा तुरंत समाप्त होनी चाहिए."

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