Unnao News Today: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक बेहद मार्मिक और चौंकाने वाली कहानी सामने आई है, जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती है. जिस बेटी को परिवार ने मरा हुआ मानकर फातिहा पढ़ दिया, वह 16 साल बाद सही-सलामत अपने घर लौट आई. यह चमत्कार नहीं तो और क्या है? यह कहानी है गंगाघाट, उन्नाव की रहने वाली सलमा की है. जिसकी वापसी ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया.
दरअसल, साल 2009 में सलमा अचानक लापता हो गई थीं. उनके तीन बच्चों की मृत्यु हो चुकी थी और पति ने दूसरी शादी कर ली थी. इस सदमे से टूटकर सलमा मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गईं थीं. परिवार ने उन्हें हर जगह ढूंढा, गांव-गांव, शहर-शहर लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
जब उम्मीद की सारी रौशनी बुझ गईं, तो परिजनों ने मान लिया कि सलमा अब इस दुनिया में नहीं रही. इसके बाद उनके घर वालों के जरिये इस्लामी रीति-रिवाजों के मुताबिक उनका फातिहा भी पढ़ा गया. हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और अब जब वह घर लौटीं तो यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई.
लखनऊ के राजकीय महिला शरणालय में एक महिला की याददाश्त धीरे-धीरे लौटने लगी. जब उसने अपना नाम 'सलमा', गांव गंगाघाट और रिश्तेदारों के नाम बताए, तो वहां का स्टाफ चौंक गया. इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई. गंगाघाट पुलिस सक्रिय हुई और जांच के बाद यह पुष्टि हुई कि वह महिला वही सलमा है, जिसे 16 साल पहले मरा हुआ मान लिया गया था.
इसके जिम्मेदार अधिकारियों के जरिये परिवार को लखनऊ बुलाया गया, जैसे ही सलमा ने अपने भाई और रिश्तेदारों को देखा, उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. पूरा परिवार 16 सालों बाद देखकर वह भावुक हो उठीं. सलमा की मां, जिन्होंने अपनी बेटी को मरा हुआ मानकर फातिहा पढ़ा था, सलमा को गले लगाकर फूट-फूटकर रो पड़ीं. अपने परिवार से लंबे समय तक दूर रहीं सलमा जब अपने परिवार से मिली तो यह नजारा देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भी भर आईं.
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