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मेरठ के स्कूल पर 'इस्लामी शिक्षा' देने का आरोप, BSA ने जारी किया नोटिस

Meerut Religious Education Controversy: मेरठ में एक स्कूल पर धार्मिक रीति रिवाजों की शिक्षा देने के आरोप लगे हैं. घटना की शिकायत मिलने पर बीएसए ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. स्कूल पर आरोप लगाने वाले शख्स ने फीस देने के दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं.  

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मेरठ जिलाधिकारी डॉ वीके सिंह
मेरठ जिलाधिकारी डॉ वीके सिंह
Raihan Shahid|Updated: Jun 06, 2025, 09:48 PM IST
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Meerut School News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक स्कूल के खिलाफ इस्लामी शिक्षा देने के आरोप जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया है. बताया जा रहा है कि स्कूल इंतजामिया ने रमजान महीने बच्चों को इस्लामी रीति रिवाजों को सिखाने की कोशिश की, इन बच्चों में दूसरे धर्म से ताल्लुक रखने वाले बच्चे भी थे. इसकी शिकायत मिलने पर प्रशासन ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.  

यह स्कूल मेरठ के मवाना क्षेत्र के डेरवा अकादमी का है. स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावक ने आरोप लगाया है कि रमजान में उसके बच्चों को स्कूल में सफेद रूमाल लाने के लिए कहा गया और अगले दिन जब वह रूमाल लेकर पहुंचे तो उन्हें इस्लामी रीति रिवाजों को करने के लिए प्रेरित किया गया.

हालांकि, जिस शख्स ने स्कूल पर इस्लामी शिक्षा देने के लिए प्रेरित करने के आरोप लगाए हैं, मीडिया में दिए गए उसके बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है. बातचीत में अशोक कुमार ने बताया कि उनके दो बच्चों के एडमिशन को लेकर निश्चित रकम तय हुई थी, जिसके लिए मैंने कुछ पैसा एडवांस में दे दिया था. 

इस्लामी शिक्षा देने का लगाया आरोप

अशोक कुमार के मताबिक, इसके कुछ दिनों बाद स्कूल का स्टॉफ बार-बार मेरे घर आने लगा और फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाने लगा. अशोक ने आरोप लगाया कि रमजान में स्कूल की तरफ से उन्हें सफेद रूमाल लाने के लिए कहा गया और उसके अगले दिन स्कूल में हाथ बंधवा कर दूसरे धर्म के रीति रिवाजों का पालन करने को कहा गया. उन्होंने कहा कि यह करवाते हुए वह दुआ पढ़वा रहे थे या नमाज पढ़ा रहे थे, उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

पीड़ित अशोक कुमार ने बताया कि मैं ने अकादमी के मालिक से भी इसकी शिकायत की और अपने बच्चों को टीसी मांगी, लेकिन उन्होंने पूरी फीस जमा नहीं की वजह से टीसी देने से इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि स्कूल की एक टीचर से जब मैंने कहा कि आप लोग बगैर फीस के भी बच्चों को पढ़ाते हैं, जबकि मैंने फीस पहले ही जमा कर दी है. अशोक ने स्कूल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

बीएसए ने जारी किया नोटिस

इस मामले में बीएसए आशा चौधरी ने जांच के बाद खंड शिक्षा अधिकारी त्रिवेंद्रम को मामले की रिपोर्ट सौंपी है. जांच के दौरान मान्यता संबंधी पत्रावली में भी गड़बड़ी उजागर हुई है. सीबीएसई से मान्यता प्राप्त किसी दूसरे संस्थान का भवन दिखाकर स्कूल खोला गया है, जबकि संचालन किसी दूसरी जगह पर हो रहा है. बीएसए ने फिलहाल स्कूल पर नोटिस चस्पा कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

जिलाधिकारी ने क्या कहा?

मेरठ जिलाधिकारी डॉ वीके सिंह ने बताया कि मीडिया के जरिये जानकारी सामने आई है कि डेहरवा अकादमी में धार्मिक शिक्षा का मामला सामने आया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा स्कूल ने कुछ और शर्तों का उल्लंघन किया है. बीएसए ने नोटिस जारी किया है और तीन दिन में जवाब मांगा है. वीके सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद स्कूल के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

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