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पीलीभीत में पुरानी मजार को शिफ्ट करने पर बवाल; हिंदूवादी संगठनों ने दी तोड़ने की धमकी

UP Mazar Controversy: उत्तर प्रदेश में मस्जिद, मदरसे, मजार और ईदगाह को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीलीभीत में नव निर्मित कॉलोनी में एक जगह से दूसरी जगह मजार हटाने को लेकर विवाद हो गया. हिंदूवादी संगठनों के हंगामे की वजह से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया.  

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
Zee Salaam Web Desk|Updated: May 21, 2025, 03:37 AM IST
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Pilibhit News Today: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में जज परिसर के पास एक मजार तोड़कर दूसरी जगह बनाने को लेकर विवाद हो गया. पुरानी मजार को हटाकर दूसरी जगह नई मजार बनाने को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने धमकी दी कि अगर यह मजार नहीं हटाई गई तो वह खुद तोड़ देंगे. घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंच गई.

दरअसल, ये पूरा मामला पीलीभीत जिले की है, जहां जज परिसर के पास एक नई कॉलोनी बन रही है. इसी कॉलोनी के बीच में एक मजार है, जिसे तोड़कर इसी कॉलोनी के कोने में बना दिया गया. जब इसकी भनक हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों को मिली तो वह मौके पर पहुंच कर हंगामा करने लगे. 
 
हिंदूवादी संगठनों ने मौके पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया और नए मजार को तोड़ने की मांग करने लगे. इसकी वजह से इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया. हिंदूवादी संगठन के लोगों ने धमकी दी कि अगर मजार नहीं तोड़ा गया तो वह इसे खुद तोड़ देंगे. इस दौरान कॉलोनी विकसित कर रहे लोगों से हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से तीखी बहस भी हुई. 

हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि उन्हें पुराने मजार से दिक्कत नहीं है, लेकिन नया मजाए नहीं बनने दिया जाएगा. जब इसकी सूचना जिला प्रशासन को मिली तो हड़कंप मच गया. मौके पर तत्काल एसडीएम आशुतोष गुप्ता दल बल के साथ पहुंच गए और उन्होंने इस मुद्दे के समाधान के लिए दो दिन का समय मांगा है. 

कॉलोनी के पड़ोस में रहने वाले अभिजीत की मानें तो कॉलोनी के बीच में मजार था, जिसको तीन दिन पहले मजदूरों ने तोड़ा दिया है. उन्होंने बताया कि पुराने मजार को तोड़ने के बाद इसी जगह पर किनारे बना दिया गया है. इसकी उलट कॉलोनी के मालिक का दावा कई सवाल खड़  कर रहा है.

कॉलोनी के मालिक का कहना है कि जब उन्होंने जमीन खरीदी थी तो मौके पर कोई मजार नहीं थी, उन्हें भी आज ही मजार का पता चला है. उनके इस दावे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस जमीन को दो साल पहले खरीदी गई थी, उसे कॉलोनी विकसित करने वालों यह बात पता कैसे नहीं चली कि जो जमीन खरीदी गई है उसमें एक मजार भी है.

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