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हिंदू संगठनों के तांडव पर भड़के मौलाना कौसर हयात; इन पार्टियों को ठहराया जिम्मेदार

UP Poltics: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता मौलाना कौसर हयात खान ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों पर मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने मुसलमानों के असली मुद्दों पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई और न ही उनको आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी दी.  

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 मौलाना सैयद कौसर हयात खान (फाइल फोटो)
मौलाना सैयद कौसर हयात खान (फाइल फोटो)
Raihan Shahid|Updated: Jul 03, 2025, 11:21 PM IST
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Uttar Pradesh News Today: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना सैयद कौसर हयात खान ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इन सभी पार्टियों ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है, लेकिन जब उनके असल मुद्दों की बात आती है तो सब चुप्पी साध लेते हैं.

मौलाना सैयद कौसर हयात खान ने मीडिया से खास बातचीत में कहा, "विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी ने मुसलमानों की आवाज उठाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई. वक्फ बोर्ड से जुड़े बिल पर जब संसद में चर्चा चल रही थी, तब भी राहुल गांधी सदन में मौजूद ही नहीं थे."

कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

मौलाना कौसर ने आरोप लगाते हुए कि कांग्रेस, देश के मुसलमानों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती और सिर्फ कुछ मुसलमान नेताओं को "शो बॉय" बनाकर पेश करती है, जिस तरह से आजादी के समय मौलाना अबुल कलाम आजाद को किया गया था. उसी तरह आज भी यही हो रहा है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने चंद मुसलमानों को छोड़ रखा है और वह मैदान में आकर मुसलमानों की बात करते हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी ने कभी जिम्मेदारी के साथ मुसलमानों के लिए कोई बात नहीं की है." मौलाना कौसर के मुताबिक, चंद मुस्लिम सांसदों को कांग्रेस पार्टी ने आगे रखती है, जिसे वह भविष्य में मंत्री बन सकें, लेकिन पार्टी कभी बतौर संगठन मुसलमानों के साथ खड़ी नहीं रही और उन्हें महज वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया. 

'हिंदू संगठनों के तांडव के पीछे पिछली सरकारें'

दक्षिणपंथी संगठों पर हमला बोलते हुए मौलाना कौसर ने कहा कि आज पूरे देश में जिस तरह का तांडव हिंदू संगठन कर रहे हैं, उसकी जड़ें पिछली सरकारों के समय बोई गई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों में मुसलमानों को सरकारी संस्थानों और नौकरियों से एक मंसूबे के तहत बाहर कर दिया, जिससे आज हालात यह हो गए हैं कि कई अहम विभागों जैसे पुलिस, फौज और कचहरी में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग शून्य हो गई है.

मौलाना कौसर ने यह भी कहा कि अगर पहले की सरकारें चाहे कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी दी होती, तो आज देश में सामाजिक संतुलन बना रहता और ऐस सांप्रदायिक माहौल नहीं बनता. उन्होंने मांग की कि देश में मुसलमानों को उनकी आबादी के मुताबिक हर सरकारी विभाग में आरक्षण और प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. तभी देश में स्थायी अमन और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है. नहीं तो मौजूदा असंतुलन और अराजकता यूं ही बनी रहेगी.

'मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझा'

मौलाना कौसर हयात ने साफ कहा कि आज की सत्ता में बैठे लोग ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं और विपक्ष ने भी मुसलमानों के साथ न्याय नहीं किया है. मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि उनके अधिकारों और सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती है. मौलाना सैयद कौसर हयात ने कहा सिर्फ कांग्रेसी नहीं हर एक पार्टी चाहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी रही हो या कोई भी राजनीतिक पार्टी, इन लोगों को सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए, मुसलमानों के किसी मामले को लेकर यह पार्टियां आज भी संजीदा नहीं हैं.

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