trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02725492
Home >>Muslim News

मेंहदी और चूड़ी पहनाने में गैर-मर्द का स्पर्श हराम; मौलाना इसहाक गोरा मुस्लिम महिलाओं को दी नसीहत

Muslim Ulema Fatwa: शादी के मौसम में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं ब्यूटी पार्लर का रुख करती हैं, इस दौरान जाने अनजाने वह कई बेहयाई गुनाह कर बैठती हैं. इसको लेकर मशहूर आलिम मौलान कारी इसहाक गोरा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को नसीहत करते हुए इससे बचने की सलाह दी है.   

Advertisement
मौलाना कारी इसहाक गोरा
मौलाना कारी इसहाक गोरा
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 21, 2025, 04:23 PM IST
Share

Muslim Ulema on Non Mahram Man Touching: पूरे देश में वेडिंग सीजन चल रहा है. शादी में खूबसूरत दिखने के लिए मुस्लिम महिलाएं बड़ी संख्या में ब्यूटी पार्लर का रुख करती है, जहां अक्सर कई पार्लर में मर्द काम करते हैं. इसके अलावा मर्द ही औरतों की हाथों में मेंहदी भी लगाते हैं, इस दौरान मेंहदी लगाने वाले गैर मर्द मुस्लिम महिलाओं को अपने हाथों में पकड़कर डिजाइन बनाते हैं. इस बेहयाई और गुनाह से बचने के लिए मुस्लिम उलेमा ने सलाह दी है और फतवे भी जारी किए हैं.

जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के सरपरस्त और फेमस देवबंदी आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा का इस तरह से मेंहदी लगवाने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. मौलाना कारी इसहाक गोरा ने एक वीडियो संदेश जारी कर मुस्लिम महिलाओं का खास संदेश दिया. इसमें उन्होंने इस्लामी शरीयत के एक संवेदनशील और अक्सर अनदेखे पहलू पर रौशनी डाली है. 

महिलाओं से की खास अपील

मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि आजकल शादियों का मौसम चल रहा है और इस दौरान देखा जा रहा है कि मुस्लिम महिलाएं बाजारों में जाकर गैर-महरम मर्दों से मेहंदी लगवाती हैं, जो कि शरीयत के स्पष्ट निर्देशों के खिलाफ है. उन्होंने साफ कहा कि इस्लाम किसी भी मर्द को यह इजाजत नहीं देता कि वह किसी गैर महरम औरत का हाथ छुए, चाहे वह किसी भी बहाने या किसी भी जरुरी काम से हो.

फेमस देवबंदी आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इसी तरह मुस्लिम महिलाओं को भी सख्ती से यही ताकीद की है. उन्होंने कहा कि वह अपने हाथ से किसी गैर महरम मर्द के हाथों में ना दें, ना चाहे वह चूड़ी पहनने के लिए हो या मेंहदी लगवाने के लिए. इस्लाम किसी भी सूरत में महिलाओं को गैर-महरम मर्द के हाथ में हाथ देने से सख्त मनाही करता है और यह किसी भी लिहाज से जायज नहीं है.

ये आलिमेदीन भी कर चुके हैं ऐलान

इससे पहले जामा मस्जिद दिल्ली के मुफस्सिर-ए-कुरान मुफ्ती मोहम्मद ओवैस खान नदवी और अल्लामा कारी फारूक मजरुल्लाह नक्शबंदी ने भी इस पर गहरी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं के जरिये गैर-मुस्लिम मर्दों से मेहंदी लगवाना बेहद अफसोसनाक और निंदनीय है. यह न सिर्फ गैर-इस्लामी है बल्कि शरीयत के भी खिलाफ है.

उन्होंने आगे कहा कि हालिया दिनों में मुस्लिम समाज में गैर मर्दों से मेहंदी लगवाने का बढ़ता चलन शर्म और हया को खत्म कर रहा है. वालिदैन ने इस मामले पर अपनी आंखें बंद कर रखी हैं, जिससे समाज में एक नई समस्या जन्म ले रही है. इस पर गहराई से विचार करने की जरूरत है, इस तरह के अमल से कौम को बचाना बहुत जरुरी हो गया है. 

मुस्लिम महिलाओं से खास अपील

उलेमा के कहा कि खास त्योहारों पर मेहंदी लगवाना अच्छी बात है, लेकिन हमारे आसपास ही कई गरीब और जरूरतमंद बच्चियां और महिलाएं हैं. अगर वे उनसे मेहंदी लगवाएंगी, तो न सिर्फ उनकी माली हालत बेहतर होगी, बल्कि उन्हें समाज में सिर उठाकर जीने का हौसला भी मिलेगा. 

मशहूर आलिम-ए-दीन मौलाना कारी हाजी मोहम्मद शाहीन कासमी, मौलाना सैयद शकील अहमद और शिया आलिम मौलाना सैयद अली हैदर नकवी ने इस तरह के ट्रेंड पर चिंता जताई है. उलेमा ने ऐसी महिलाओं की कड़ी आलोचना की जो रमजान में रोजा और नमाज का सख्ती से पालन तो करती हैं, लेकिन गैर-इस्लामी अमल को अपनाकर इसकी पवित्रता और गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं.

मुस्लिम माइनॉरिटी की ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam

 

Read More
{}{}