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Bareilly: 3500 पन्नों में समाया इस्लामी इतिहास का खजाना, 'तारीख-ए-इस्लाम मुकम्मल' बनी मुसलमानों की आवाज!

Maulana Shahabuddin Razvi New Book: बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी की ऐतिहासिक किताब 'तारीख-ए-इस्लाम मुकम्मल' का विमोचन हुआ. 10 साल की मेहनत से तैयार इस किताब को मुस्लिम समाज की धरोहर बताया गया और कई जबानों में प्रकाशित करने की घोषणा हुई.

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बरेली में मौलाना शहाबुद्दी की नई किताब का विमोचन
बरेली में मौलाना शहाबुद्दी की नई किताब का विमोचन
Raihan Shahid|Updated: Jul 10, 2025, 01:58 AM IST
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Bareilly News Today: बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी की ऐतिहासिक किताब ‘तारीखे इस्लाम मुकम्मल’ का भव्य विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम के अध्यक्ष शफाकत हुसैन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे,. वहीं कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बरेली मेयर उमेश गौतम ने भी विशेष रूप से शिरकत की.

इस मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन ने बताया कि ‘तारीखे इस्लाम मुकम्मल’ इस्लाम की शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक के घटनाक्रमों का विस्तार से जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा कि इस किताब को तैयार करने में उन्हें 10 सालों का लंबा समय लगा और इसके लिए उन्हें दुनिया के कई हिस्सों की यात्राएं भी करनी पड़ीं.

कार्यक्रम में कई दिग्गजों ने की शिरकत

मुख्य अतिथि शफाकत हुसैन ने मौलाना की मेहनत और ऐतिहासिक शोध की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह किताब नई पीढ़ी के लिए इस्लामी इतिहास को समझने का महत्वपूर्ण जरिया बनेगी. वहीं, बीजेपी मेयर उमेश गौतम ने कहा कि मौलाना की यह किताब समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगी और आपसी भाईचारे को मजबूत करने में मददगार साबित होगी. कार्यक्रम में कई बुद्धिजीवी, धर्मगुरु और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए.

छह जिल्दों में इस्लाम का इतिहास

'तारीखे इस्लाम मुकम्मल’ कुल छह जिल्दों और 3500 पेजों पर आधारित है. इस विस्तृत किताब में इस्लाम के पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश से लेकर आज तक के इस्लामी आंदोलनों, घटनाओं और महत्वपूर्ण दौर का दस्तावेजी विवरण मौजूद है.

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि इस किताब को तैयार करने में करीब 10 साल लगे. इसके लिए उन्होंने भारत की बड़ी लाइब्रेरीज के साथ-साथ 12 विदेशी देशों का दौरा किया और वहां की प्रमुख अरबी, फारसी और अंग्रेज़ी पुस्तकों का गहन अध्ययन किया. यह किताब लंबे शोध और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है.

कई भाषाओं में होगी प्रकाशित

कार्यक्रम में मौलाना ने यह भी बताया कि ‘तारीख-ए-इस्लाम मुकम्मल’ को जल्द ही हिंदी, अंग्रेजी और अरबी समेत कई भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़ सकें. इस मौके पर पटना (बिहार) से आए इदारा-ए-शरीया के मुख्य मुफ्ती काज़ी अब्दुल मन्नान कलीमी, बरेली के महापौर उमेश गौतम और वक्फ विकास निगम के निदेशक शफाअत हुसैन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने इस किताब को मुस्लिम समाज के लिए मील का पत्थर बताया.

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