UP News: देश विरोधी एक्टिविटी में शामिल पाए गए हारून की गिरफ्तारी के बाद एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की जांच में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. पूछताछ में हारून ने कबूला है कि उसने उत्तर प्रदेश के कई युवाओं को पाकिस्तान भेजा, जहां उन्हें खास ट्रेनिंग दी गई और जासूसी के लिए तैयार किया गया.
सूत्रों के अनुसार, हारून का कॉन्टैक्ट पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन से था, जिससे वह अक्सर मिलता था. हारून की मदद से युवकों को वीजा दिलवाना आसान हो जाता था. भारत सरकार पहले ही मुजम्मल को देश छोड़ने का आदेश दे चुकी है. एटीएस को संदेह है कि हारून और हाल ही में वाराणसी से गिरफ्तार मोहम्मद तुफैल आपस में जुड़े हुए हैं और संभवतः पाकिस्तान की एक ही खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहे थे.
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान भेजे गए युवकों को जासूसी से संबंधित अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी गई. इसके पीछे मकसद उन्हें भारत में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और पाकिस्तानी एजेंसियों को भेजने के लिए तैयार करना था.
एटीएस अब हारून और तुफैल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. दोनों के पास से कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. उनके मोबाइल फोन्स को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर और मैसेज मिले हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है. साथ ही यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं सबूत मिटाने के लिए कोई मैसेज या वीडियो डिलीट तो नहीं किए गए हैं.