Uttar Pradesh News Today: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में आगामी 7 जून को ईद-उल-अजहा को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं. बकरा मंडिया में भीड़ कम होने के बावजूद गुलजार हैं, लोग कुर्बानी का जानवर खरीदने के लिए मंडियों का रुख कर रहे हैं. ईद-उल-अजहा जैसे पवित्र त्यौहार से पहले लोनी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अपने बयान से समुदाय विशेष को लोगों को सकते में डाल दिया है.
दरअसल, लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर हालिया दिनों फर्रुखनगर में एक जगह मीट की दुकानों को चेक करने पहुंचे थे. इसी दौरान एक जगह मीट की दुकान पर चिकन का पिंजरा बाहर देखकर विधायक नंद किशोर गुर्जर आग बगूला हो गए. उन्होंने दुकानदार को अपशब्द कहते हुए बाहर बुलाया. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि "अगर भागे तो गोली मार देना."
इस दौरान बीजेपी विधायक ने समर्थकों के साथ दुकानों का निरीक्षण करते समय एक दुकानदार को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. विधायक ने लाइसेंस की मांग की और कार्रवाई न होने पर शासन से शिकायत करने की चेतावनी दी. नंद किशोर गुर्जर के विवादित बयान की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सियासी गलियारों में उफान आ गया. सपा ने गुर्जर के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता भानु भास्कर जोशी ने कहा कि लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर का खुद ही मीट की दुकानों पर चेकिंग के लिए जाना हैरान करने वाली बात नहीं है. क्योंकि यह उनका चुनावी क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि वे (नंद किशोर गुर्जर) दुकानों पर जा सकते हैं, लाइसेंस मांग सकते हैं. भानु भास्कर जोशी ने कहा कि इस चेकिंग के दौरान जो उन्होंने बात कही है, उस पर समाजवादी पार्टी को घोर आपत्ति है.
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर के बयान को दोहराते हुए सपा प्रवक्ता भास्कर जोशी ने कहा, "उन्होंने कहा कि जब कोई दुकानदार भागता हो तो उस पर गोली चला दी जाए." भानु भास्कर जोशी ने कहा, "नंद किशोर गुर्जर के इस बयान सुनने के बाद सवाल खड़ा होता है कि उस व्यक्ति पर कौन सा कानून गोली चलाने की इजाजत देता है. इस प्रदेश में कानून व्यवस्था की यही हालत है क्या?"
सपा प्रवक्ता भानु भास्कर जोशी ने बीजेपी विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा, "देश और प्रदेश ने उनके आचार विचार और व्यवहार को पहले भी को देखा है और अब भी देख रहा है. जब किसान आंदोलन हो रहा था तो यह अपना बाहुबल लेकर पहुंच गए थे और किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे थे." उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जो हमेशा अपने कानून व्यवस्था की हमेशा दुहाई देते हुए थकते नहीं हैं, उन्हें ऐसे विधायकों के जरिये इस तरह की भाषा इस्तेमाल पर आपत्ति करनी चाहिए.