Eid-e-milad-un-nabi 2024: बारावफात यानी ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार 16 सितंबर को पूरे देश में मनाया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां जोरो शोरों पर है. बाजार की रौनकें बढ़ गई हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस में उठाए जाने वाले झंडे, बैनर खरीद रहे हैं. राजधानी लखनऊ में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है. लखनऊ के चौक इलाके में बारावफात को लेकर जुलूस में इस्तेमाल किए जाने वाले झंडे और बैनर खरीदने के लिए लोगों की काफी भड़ देखी जा रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की है.
जानकारी के मुताबिक, बारावफात को लेकर योगी सरकार ने अपने गाइडलाइन में जुलूस में गैर-पारंपरिक आयोजन न करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा जुलूस में हथियारों के प्रदर्शन, हुड़दंग पर भी रोक लगाई है. वहीं, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जुलूस के दौरान सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन निगरानी की जाएगी. इतना ही नहीं योगी सरकार ने यह साफ कर दिया कि बारावफात पर अगर किस तरह का भी हंगामा हुआ तो खैर नहीं होगी. जुलूस के दौरान बवाल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी साथ ही किसी नई परंपरा का आगाज नहीं करने का आदेश दिया है.
यूपी सरकार की नई गाइडलाइन पर क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरु?
यूपी सरकार की नई गाइडलाइन के संबंध में बात करते हुए मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैय्यद मोहम्मद आसिफ ने कहा कि यह भारत में ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है.ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकाले जाने वाले जुलूस में किसी तरह का हुड़दंग नहीं होता और ना ही हथियारों का प्रदर्शन होता है. यह आपसी भाईचारा का प्यार और मोहब्बत का त्यौहार है. यह पैगंबर साहब की पैदाइश का दिन है. इस खास मौके पर हम अमन और शांति के लिए दुआ करते हैं. जहां तक हथियारों के प्रदर्शन की बात है जुलूस में इस तरह का कोई प्रदर्शन नहीं होता है.
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गाइडलाइन का सम्मान करते हैं; मौलाना
उन्होंने कहा कि सरकार ने जो भी नई गाइडलाइन जारी की है हम उसका सम्मान करते हैं और कोशिश करेंगे कि इस गाइडलाइन के तहत हम अपने त्यौहार को मनाए. वहीं, उन्होंने नई परंपरा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह जुलूस हमारा मुद्दत से चला आ रहा है. बरसों से हो रहा है यह कोई नई परंपरा नहीं है. अगर कोई नई परंपरा शुरू की जाती है तो उसे रोका जाएगा.
एसपी सीटी ने क्या कहा?
वहीं, इस त्यौहार को लेकर सहारनपुर के एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि सरकार की जो नई गाइडलाइन आई है उसी के मुताबिक पालन कराया जाएगा. जुलूस में किसी भी तरह के हथियारों का प्रदर्शन नहीं होगा और ना ही किसी को इसकी इजाजत होगी. इसके अलावा सुरक्षा के नजरिए से पर्याप्त मात्रा संख्या में फोर्स तैनात रहेंगे. सीसीटीवी कैमरे और ड्रॉन से जुलूस की निगरानी की जाएगी. अगर कोई भी गाइड लाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.