Azamgarh News: कई एजेंट विदेश में नौकरी का लालच देकर नौजवानों को दूसरी जगह पहुंचा रहे हैं. इसके बाद युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ का है. यहां से एक एजेंट ने 9 लोगों को विदेश में नौकरी का झांसा देकर रूस में लड़ाई करने के लिए भेज दिया. 9 लोगों में मुस्लिम युवा भी शामिल हैं. एजेंट ने इन्हें ज्यादा पैसे की लालच देकर मौत के मुंह में डाल दिया. नौजवानों के परिजनों का कहना है कि कई महीनों से उनकी बात नहीं हुई. परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई कि उनका बेटा दिलवा दें.
अजहरुद्दीन को भेजा रूस
एजेंट ने आजमगढ़ के इन 9 नौजवानों को रूस में सिक्योरिटी गार्ड, कारपेंटर और कुक वीजा पर भेजा था. लेकिन अब खबर है कि इन्हें जंग में भेज दिया गया. आजमगढ़ जिले के गुलामी के पूरा से ताल्लुक रखने वाले शख्स अजहरूद्दीन को 27 जनवरी 2024 को एजेंट विनोद ने रूस भेजा. अजहरूद्दीन की मां ने बताया कि अपने तीन भाईयों में अजहरूद्दीन सबसे छोटा बेटा है. मां के मुताबिक "एजेंट विनोद मेरे घर आया और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की बात कही. उसने कहा कि दो लाख रुपये महीने में मिलेंगे. वहां जाते ही पांच लाख रुपये मिलेंगे. बेटा जब गया, तो दो महीने तक बात होती रही, लेकिन इसी बीच बेटे को ट्रेनिंग देकर लड़ाई के मैदान में भेज दिया गया. एक दिन खबर मिली कि जंग में बम गिरने से बेटा घायल हो गया, इस बारे में जब अजहरूद्दीन के अब्बू मैनुद्दीन को पता चला, तो उन्हें 1 अप्रैल को हार्ट अटैक आ गया. 8 अप्रैल को मौत हो गई."
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बेटे का पता नहीं
इस बीच अजहरूद्दीन की मां एजेंट विनोद से अपने बेटे से बात कराने की जिद करती रही, पर विनोद ने बात नहीं कराई. मां ने बताया कि "हम लोगों के पास पति के इलाज कराने के पैसे नहीं थे, पैसा उधार लेकर अपने गहने बेचकर इलाज कराया, पर अजहरूद्दीन के अब्बू नहीं बचे." अजहरुद्दीन के घर में अजहरुद्दीन ही कमाने वाला था. पीड़िता ने बतायाा कि "हमने एंबेसी में फोन कर अपनी बात रखी लेकिन बेटे के बारे में कोई खबर नहीं मिली. उससे 8 महीने से बात नहीं हुई, हम लोग बहुत मुसीबत और परेशानी में हैं. क्या बताएं यह कहते-कहते अजहरूद्दीन की मां फफक कर रोने लगी." उन्होंने बताया कि अंतिम बार 27 अप्रैल को बात हुई थी.
एक शख्स की मौत
बताया जा रहा है कि 9 लोगों में एक शख्स कन्हैया यादव की मौत हो चुकी है. वह जिले के बनकटा का रहने वाला था. जबकि दूसरे लोग अभी भी लापता हैं. ऐसे में इन परिवारों के लोग न तो खा पा रहे हैं और न ही जी पा रहे हैं.
रिपोर्ट: वेदेंद्र प्रताप शर्मा