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8 अप्रैल तक हटा लो मस्जिद और मदरसा, वरना सरकार बुल्डोज़र चला देगी; नोटिस से पसरा सन्नाटा!

Kushinagar Gadhiya Masjid: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में तमकुहीराज तहसील के गड़हिया चिंतामन गांव में सरकारी ज़मीन पर बनी गड़हिया मस्जिद, मदरसा और ईदगाह के खिलाफ बेदखली का नोटिस जारी कर वक़्त दिया गया है कि मस्जिद कमिटी अगर खुद इमारत तोड़कर नहीं हटाती है, तो सरकार उसपर बुलडोज़र चला देगी. इस नोटिस के बाद मुस्लिम समाज में बेचारगी छा गयी है. 

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8 अप्रैल तक हटा लो मस्जिद और मदरसा, वरना सरकार बुल्डोज़र चला देगी; नोटिस से पसरा सन्नाटा!
Dr. Hussain Tabish|Updated: Mar 20, 2025, 08:16 PM IST
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मस्जिदों और मदरसों को सरकारी ज़मीन में होने या फिर मदरसों को गैर- कानून तरीके से संचालित करने का इल्ज़ाम लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अभी एक नया मामला कुशीनगर से सामें आया है, जहाँ एक मस्जिद और उससे लगे ईदगाह को तोड़ने के लिए नोटिस लगाया गया है. कुशीनगर में गड़हिया मस्जिद और ईदगाह पर को सरकारी ज़मीन में होना बताकर बुलडोजर कार्रवाई के लिए मस्जिद की दीवार पर नोटिस चिपकाया गया है.

तहसील कोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को कथित तौर पर ग्रामसभा की जमीन पर निर्मित गड़हिया मस्जिद और ईदगाह पर बेदखली का पास किया था. दोनो को हटाने के लिए तहसील प्रशासन ने मस्जिद की दीवार पर नोटिस चिपकाया है. नोटिस में 08 अप्रैल 2025 तक मस्जिद इंतजामिया को खुद से अतिक्रमण हटाने का टाइम दिया गया है. इसके बाद भी अगर सरकारी ज़मीन को खाली नहीं किया जाता है, तो सरकार बल पूर्वक अतिक्रमण हटाने का काम करेगी.

 सनातन सेना के कार्यकर्ता अरविंद्र किशोर शाही ने कुछ माह पहले गड़हिया मस्जिद और ईदगाह का मुद्दा उठाया था. यह मस्जिद तमकुहीराज तहसील के गड़हिया चिंतामन गांव में स्थित है. अरविंद्र किशोर शाही ने कहा कि ये मस्जिद ग्राम सभा की ज़मीन को कब्ज़ा कर बनाई गयी थी. मस्जिद के बाद इसमें एक मदरसा भी संचालित किया जा रहा है, और इसके साथ घी एक ईदगाह भी बना दिया गया है. ये सरासर लैंड जिहाद का मुद्दा है. नोटिस मिलने के बाद अगर मस्जिद कमिटी के लोग खुद इसे नहीं हटाते हैं, तो प्रशासन बुल्डोज़र से इसे ढहा देगा.

इस मामले में मस्जिद कमिटी के एक मेंबर ने इस बात को स्वीकार किया है कि ये मस्जिद सरकारी ज़मीन में बनी है. उन्होंने कहा कि यहाँ पर PWD की बहुत ज्यादा ज़मीन है. इसी ज़मीन पर 20 साल पहले मस्जिद बनाई गई थी. लेकिन हम मस्जिद तोड़े जाने के नोटिस को कोर्ट में चुनौती देंगे और राहत की मांग करेंगे. 

गौरतलब है कि इस वक़्त उत्तर प्रदेश में कई मस्जिदों और मदरसों के खिलाफ विवाद चल रहा है, कि ये सरकारी ज़मीन पर, बिना परमिशन के या फिर अवैध तरीके से बनी है. इसलिए इसे तोड़ा या हटाया जाना चाहिए.

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