Azamgarh News Today: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद से एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने फिर से धर्मांतरण के नाम पर समुदाय विशेष को निशाना बनाने को उजागर कर दिया है. आरोप था कि एक इंटर कॉलेज की शिक्षिका का ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण करवाया जा रहा है. मामला जैसे ही सामने आया, पुलिस में शिकायत दर्ज हुई और कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई। लेकिन पुलिस की जांच में जो हकीकत सामने आई, वह पूरी कहानी को एक अलग ही मोड़ दे गई.
मामला अहरौला थाना क्षेत्र के सर सैयद इंटर कॉलेज का है, जहां सीमा मौर्य नाम की एक महिला कंप्यूटर शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं. सीमा की सास राधिका मौर्य ने थाना अहरौला में शिकायत दर्ज कराई थी कि कॉलेज के उप प्रबंधक गालिब खान ने उनकी बहू का "ब्रेनवॉश" कर दिया है. राधिका मौर्य यह भी कहा कि बहू पूजा-पाठ छोड़ अब रोजा-नमाज करने लगी है और गालिब खान के कहने पर कॉलेज परिसर में ही रह रही है.
शिकायत में यह भी कहा गया कि सीमा के पति पराग मौर्य जब उसे सहारनपुर ले गए, तो गालिब खान ने वीडियो कॉल के जरिए उसे रोक दिया और ट्रेन का टिकट भेजकर वापस कॉलेज बुला लिया. सास राधिका ने दावा किया था कि गालिब खान ने बहू को परिवार से तोड़ दिया है और उसे धर्मांतरण के लिए मुतास्सिर कर रहे हैं.
हालांकि, जब पुलिस ने पूरे मामले की जांच की, तो सामने आया कि मामला धार्मिक नहीं बल्कि घरेलू विवाद से जुड़ा है. एसपी ग्रामीण ने बताया कि पति-पत्नी के बीच नौकरी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. पति पराग मौर्य की बिजली विभाग में अवर अभियंता की नौकरी लगने पर वह नहीं चाहता था कि सीमा नौकरी करे, जबकि सीमा अपना करियर छोड़ना नहीं चाहती थी. इसकी वजह से दोनों के बीच तनाव बढ़ा और विवाद गहरा गया.
कॉलेज प्रबंधक गालिब खान ने भी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीमा कॉलेज के टीचिंग स्टाफ के लिए बने आवास में रहती हैं, जहां अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं भी रहते हैं. उनका किसी भी तरह से सीमा के निजी जीवन से कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस जांच में किसी भी तरह के धर्मांतरण या जबरन प्रभाव का मामला सामने नहीं आया है. पुलिस अब मामले को घरेलू विवाद मानकर विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही है.
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