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सरकारी खर्चे से हुआ था तीन बहनों का निकाह, बाद में शादी से मुकर गयी तीनों बहनें; दर्ज हुआ FIR!

Rampur News: यह मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का है, जहाँ मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेकर शादी से मुकर गईं तीन बहनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है, और प्रशासन उससे दहेज़ का सामन वापस लेने की कर्रवाई कर रहा है. 

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यह एक AI आधारित प्रतीकात्मक तस्वीर है
यह एक AI आधारित प्रतीकात्मक तस्वीर है
Zee Salaam Web Desk|Updated: Feb 18, 2025, 04:27 PM IST
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सरकारी सामूहिक विवाह योजना का फायदा उठाने के लिए कई लोगों द्वारा फर्जी तरीके से शादी करने के मामले सामने आते रहते हैं, जिसमें नकली दूल्हा या दुल्हन को तैयार कर शादी कर ली जाती है. इनमें अबतक गैर- मुस्लिम जोड़ों का नाम फर्जी शादियों के आरोपियों में आ रहा था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के रामपुर से एक मामला सामने आया है, जिसमें एक ही घर की तीन बहनों ने सामूहिक शादी में निकाह होने के बाद इस विवाह को मानने से इनकार कर दिया है. 

रामपुर के पुलिस अधीक्षक विद्य सागर मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी करने और सरकारी फायदा लेने के बाद तीन लड़कियों द्वारा शादी से मुकरने का मामला सामने आया है. इस मामले में अधिशासी अधिकारी (ईओ) की जांच के बाद तीनों लड़कियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी लड़कियों में आफरीन जहां, शमा परवीन और नाजरिन शामिल है. तीनों लड़कियां रामपुर के मोहल्ला मनिहारन चक निवासी अब्दुल नबी की बेटियां हैं. इन तीनों बहनों की सरकारी योजना के तहत शादी हुई थी, लेकिन अब तीनों बहनें इस शादी से इनकार कर रही है. 

सरकारी योजना के तहत इन तीनों बहनों को सरकारी अनुदान मिला था, लेकिन अब वे शादी से इनकार कर रही हैं, और सरकार द्वारा दिए गए लाभ को वापस करने से भी बच रही हैं. प्रशासन के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. अब इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि अगर कोई लड़की सरकारी पैसे के लिए निकाह कर रही है, तो वो उसे माने या न माने उसकी शादी तो कानूनी तौर पर वैध मानी जायेगी, और शादी तोड़ने के लिए कानून तौर पर तलाक का प्रोसेस अपनाए बिना तलाक भी नहीं हो सकता है. हालांकि, इस मामले में आरोपी लड़कियों की तरफ से कोई बयान या उनका पक्ष अभी सामने नहीं आया है. 

क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ? 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के माली तौर से कमजोर परिवार की बेटियों की शादी और विधवा/तलाकशुदा महिला की दुबारा शादी में मदद करने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत शादी करने वाले जोड़े पर प्रदेश सरकार कुल  51,000/- की रकम खर्च करती है. इसके लिए आवेदक लड़की या महिला की उम्र 18 साल या इससे ज्यादा और लड़के की उम्र 21 साल या इससे ज्यादा होनी चाहिए. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडा वर्ग/सामान्य/ अल्पसंख्यक सभी के लिए ये स्कीम है, बस योजना का फायदा लेने के लिए खानदान की सालाना आमदनी 2 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और उसे मूल रूप से उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए. तलाकशुदा और विधवा महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेने की पात्र हैं.

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