Uttarakhand News: उत्तराखंड के रामनगर के गौजानी इलाके में 29 मई को कब्र खोदने को लेकर दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए थे. जिसके बाद इस मामले में अब जांच के आदेश दिए गए हैं. एक कमेटी का गठन किया गया है जो 15 दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी.
विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब मुस्लिम समुदाय के एक शख्स की मौत के बाद इलाकाई लोगों के जरिए एक खाली मैदान में कब्र खोदने की कोशिश की गई. यह मैदान कुछ हिंदू परिवारों के घरों के सामने मौजूद है, जिनका दावा है कि यह ज़मीन उनके इस्तेमाल में है.
स्थानीय निवासियों ने इस बात की जानकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन जोशी को दी. मदन जोशी जब मौके पर पहुंचे और कब्र खोदने का विरोध किया तो हालात बिगड़ गए और दोनों पक्षों में जमकर बहस और विवाद हो गया. हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम को मौके पर बुलाया गया.
दोनों पक्षों ने इस जमीन पर अपना-अपना दावा पेश किया. वहीं, हंगामे के दौरान एक शख्स कब्र में भी ले गया. जिसके जवाब में दूसरा पक्ष हनुमान चालीसा पढ़ने लगा. घंटों तक चले विवाद के बाद आखिरकार पुरानी कब्र को बंद किया गया और दूसरी जगह नई कब्र खोदकर मुर्दे को दफनाया गया.
मामला पेश आने के बाद स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पूरे प्रकरण की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही, गौजानी की रहने वाली मंजू देवी की लिखित शिकायत पर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है.
यह टीम अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान, एसडीएम रामनगर प्रमोद कुमार और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी. टीम को 15 दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.
भाजपा नेता मदन जोशी ने इलाके के सभी नागरिकों से जांच टीम को पूरा सहयोग देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद यह साफ हो जाएगा कि जमीन किसकी है और कब्र खोदने की प्रक्रिया में कहां चूक हुई, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि एक ही मृतक के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर कब्र क्यों खोदी गई.