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Gyanvapi Case: बात-बात में भावनाएं कैसे हो जाएगी आहत; ओवैसी और अखिलेश यादव के खिलाफ याचिका ख़ारिज

Gyanvapi Case: लोकसभा सदस्य व सपा नेता अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दायर याचिका को वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दी. दोनों के ऊपर ज्ञानवापी मस्जिद के कैंपस में पाए गए कथित 'शिवलिंग' के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए याचिका दायर की थी.

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Gyanvapi Case: बात-बात में भावनाएं कैसे हो जाएगी आहत; ओवैसी और अखिलेश यादव के खिलाफ याचिका ख़ारिज
Zee Salaam Web Desk|Updated: Sep 18, 2024, 04:15 PM IST
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Gyanvapi Mosque Case: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दी ओवैसी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ दायर चाचिका को आज वाराणसी की एक अदालत ने खारिज कर दी. 

हैदराबाद से सांसद ओवैसी और सपा नेता अखिलेश के खिलाफ के ऊपर हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के आहाते में पाए गए कथित 'शिवलिंग' के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए याचिका दायर कर दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माांग की थी. लेकिन आज स्थानीय अदालत इस याचिका को खारिज कर दी. 

जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, याचिकाकर्ता वकील हरिशंकर पांडे ने दलील दी थी कि यादव और ओवैसी ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी और करीब 2000 अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर बार-बार 'शिवलिंग' को एक फव्वारा बताया था, जिससे "हिंदू भावनाओं को गंभीर ठेस पहुंची." इसके बाद पांडे ने अदालत का रुख किया और  अपनी याचिका में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. 

हाईकोर्ट का करेंगे रुख; वकील
पांडे ने बताया, "सीनियर सिविल डिवीजन जस्टिस विनोद कुमार सिंह की अदालत ने आरोपी पक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी. मामले की सुनवाई मंगलवार को अदालत में हुई लेकिन हमें बुधवार को आदेश की प्रति प्राप्त हुई." वहीं, पांडे ने संकेत दिया है कि वह अब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.

इससे पहले भी हिन्दू पक्ष को लगा था झटका
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी वाराणसी अदालत से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा था. कोर्ट ने शुक्रवार, 13 सितंबर को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने व्यास जी तहखाने की छत पर मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की थी. हिंदू पक्षकारों ने अदालत में तर्क दिया था कि तहखाने की छत "कमजोर" हो गई है,  किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

बता दें कि जिस तहखाने के ऊपर मुस्लिम समुदाय  के लोग नमाज पढ़ते हैं, उसी के नीचेौ  हिंदू समुदाय के लोग पूजा-अर्चना भी करते हैं. ऐसे में यह विवादित स्थान दोनों ही समुदायों के लिए आस्था के साथ-साथ कानूनी लड़ाई का भी अखाड़ा बन गया है.

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