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Wakf Board: लोकसभा में पेश किए जाएंगे वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल, सरकार ने जारी की बिल की कॉपी

Wakf Board: पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल लोकसभा में पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है. इस संबंध में सरकार ने बिल की कॉपी भी जारी कर दी है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

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Wakf Board: लोकसभा में पेश किए जाएंगे वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल, सरकार ने जारी की बिल की कॉपी
Tauseef Alam|Updated: Aug 07, 2024, 02:19 PM IST
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Wakf Board: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल लाने की तैयारी में जुटी हुई है. वक्फ बोर्ड में सुधार करने के मकसद से ये बिल लाए जा रहे हैं. पहले बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 कानून को खत्म किया जाएगा और दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में संशोधन किया जाएगा. इसकी कॉपी जारी कर दी गई है.

पहले कानून को किया जाएगा खत्म
वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44वां संशोधन करने जा रही है. केंद्र सरकार ने कहा, "यह बिल लाने का मकसद वक्फ की संपत्तियों को सुचारू संचालन करना और उसकी देखरेख करना है. वक्फ कानून 1950 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है. इसके तहत वक्फ को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था."

महिलाओं और गैर मुसलमानों को भी होगा प्रतिनिधित्व
वाजेह हो कि वक्फ कानून 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 होगा. केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम और गैर मुस्लिम का उचित प्रतिनिधित्व होगा. एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीकों को सुव्यवस्थित करना होगा. इसके साथ ही दो सदस्यों के साथ ट्रिब्यूनल संरचना में सुधार होगा. ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ 90 दिनों के अंदर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का समय निर्धारित किया गया है. वक्फ की संपत्तियों के सर्वे के लिए के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार जिलाधिकार को दिया गया है.

वक्फ परिषद में इन लोगों को किया जाएगा शामिल
इसके अलावा, बोहरा और आगाखानियों के लिए बोर्ड की स्थापना का प्रावधान किया गया था. किसी भी संपत्ति को दर्ज करने से पहले सभी कारकों को उचित नोटिस दिया जाता है. वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, मुस्लिम संगठनों के तीन नुमाइंदे, मुस्लिम कानून के तीन जानकार, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के दो पूर्व जज, एक मशहूर वकील, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चार लोग, भारत सरकार के अतिरिक्त या संयुक्त सचिव आदि होंगे. इनमें दो महिलाओं का होना जरूरी होगा.

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