Waqf Bill: एक तरफ देशभर में वक्फ बिल का विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार कल यानी 2 अप्रैल को संसद में बिल पास कराने की तैयारी में है. इस बीच जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने वक्फ बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए इसे धार्मिक मामलों पर हमला बताया और केंद्र पर बार-बार अनुचित नीतियों के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का इल्जाम लगाया.
गौस ने कहा, "मैं वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति था. जब से यह केंद्र सरकार आई है, कभी लव जिहाद, सीएए, मॉब लिंचिंग, तीन तलाक और अब यह, यह हमारा धार्मिक मामला है. आपने (केंद्र ने) हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया." उन्होंने कहा, "मौलाना आजाद फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी बंद कर दी गई. विविधता में एकता हमारी विशेषता है. मैं निश्चित रूप से इन सभी मुद्दों को उनके (सीएम नीतीश कुमार) सामने उठाऊंगा."
कांग्रेस का हमला
इस बीच सोमवार को कांग्रेस सांसद और पार्टी के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को "संविधान पर सीधा हमला" करार देते हुए विधेयक के क्रियान्वयन का विरोध करने की कसम खाई और मांग की कि एनडीए के सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यूनाइटेड) इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें.
नीतीश कुमार पर बोला हमला
जयराम रमेश ने कहा, "वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान पर सीधा हमला है और इसकी नींव के खिलाफ है, इसे जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के जरिए ध्वस्त किया गया है. अगर वे इसे लागू करते हैं, तो हम लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे." "हर विपक्षी दल इसका विरोध करता है, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, आप, हर कोई इसका विरोध करता है, लेकिन सवाल यह है कि जेडी(यू) और टीडीपी जैसी पार्टियां क्या करती हैं? जो पार्टियां खुद को धर्मनिरपेक्ष कहती हैं, जो कहती हैं कि वे इसमें विश्वास करती हैं, उनका इस पर क्या रुख है?"