West Bengal News Today: पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. इस मामले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज (BSF) पर आरोपी है कि उन्होंने कथित तौर पर कानून से पर हिरासत में यातना देकर एक किसान की हत्या कर दी. भोरम पियासी गांव के रहने वाले मुस्लिम किसान और प्रवासी मजदूर जहांनूर हक (24) के परिजनों ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाए.
पीड़ित परिजनों के मुताबिक, बीएसएफ ने 3 अप्रैल की सुबह जहांनूर हक को कथित तौर पर यातना देकर बेरहमी से कत्ल कर दिया. परिजनों के जरिये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को दी गई शिकायत में बताया गया कि बीएसएफ जवानों ने जहांनूर को रोका, जबरन कपड़े उतरवाए और मुस्लिम धर्म से होने की वजह से पीटना शुरू कर दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों और एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट के मुताबिक, एक जवान ने पहले मृतक जहांनूर हक को जमीन पर गिराया, फिर उनके सीने पर चढ़कर गोली मार दी. इसके बाद एक अन्य जवान ने उनके सिर और पैर में गोली मारी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना के बाद जहांनूर की लाश लगभग छह घंटे तक खुले में पड़ी रही. इस दौरान बीएसएफ ने न सिर्फ गांववालों को शव के पास जाने से रोका, बल्कि परिवार को भी दूर रखा. दोपहर के करीब पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर दिनहाटा सब-डिविजनल अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने मेडिकल जांच के बाद मृत घोषित कर दिया.
इसके बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव को एमजेएन मेडिकल कॉलेज भेजा दिया, लेकिन कथित तौर पर फॉरेंसिक डॉक्टर के गैर-मौजूदगी की वजह से पोस्टमॉर्टम अगले दिन किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, गोली लगने के बावजूद मृतक के खोपड़ी की जांच नहीं की गई, जिससे सुबूतों से छेड़छाड़ या लापरवाही की आशंका जताई जा रही है.
बीएसएफ ने जहांनूर को तस्कर बताते हुए हत्या को जायज ठहराने की कोशिश की है, लेकिन न तो कोई आधिकारिक जांच शुरू हुई है और न ही आरोपी जवानों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. इसके उलट स्थानीय पुलिस ने आईपीसी की धारा 103(1) के तहत केस दर्ज किया है. पीड़ित परिवार लगातार न्याय की आस में दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है.
पीड़ित की मां रीना बीबी ने उसी दिन शिकायत दी थी, लेकिन उन्हें अब तक कोई मदद या अपडेट नहीं मिली. परिवार की महाना आमदनी महज 4,000 रुपये है और इस आमदनी में बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा होता है. पीड़ित परिवार सरकारी मदद न मिलने और अधिकारियों के जरिये जांच में लापरवाही बरतने पर खुद अकेला महसूस कर रहा है.
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