Delhi Election Resuts: दिल्ली विधासभा चुनाव के रिजल्ट आ चुके हैं. 70 सीटों में भाजपा ने 48 पर जीत दर्ज की है तो आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है. ऐसे में दिल्ली की मुसतफाबाद सीट खासा चर्चा में है. यह सीट मुस्लिम बहुल सीट है. इस सीट पर भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत दर्ज की है. इसी सीट पर AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गए. आम आदमी पार्टी ने अदील अहमद खान को टिकट दिया था. वह दूसरे नंबर पर रहे. आइए इस खबर में हम जानते हैं कि मोहन सिंह बिष्ट कौन हैं.
दंगों की जद में मुस्तफाबाद
बिष्ट करावल नगर सीट से विधायक थे. इस बार यहां से भाजपा ने कपिल शर्मा को टिकट दिया. मुस्तफाबाद में 39.5 फीसद मुस्लिम आबादी है. मुस्ताफाबाद उत्तर पूर्वी दिल्ली की वह सीट है जो साल 2020 के दंगों में सबसे ज्यादा प्रभावित थी. यहां 53 लोगों की जान गई थी.
पहली बार करावल से बने विधायक
बिष्ट दिल्ली के जाने माने राजनीतिज्ञ हैं. वह पहली बार साल 1998 में करावलनगर से विधायक चुने गए. वह साल 2015 तक यहां से विधायक रहे. साल 2015 में कपिल मिश्रा करावल नगर से आम आदमी पार्टी से लड़ रहे थे. कपिल ने बिष्ट को हरा दिया था. साल 2020 में बिष्ट करावल नगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने 2020 आप के दुर्गेश पाठक को हरा कर यहां जीत दर्ज की थी.
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भाजपा पर लगाया इल्जाम
करावल नगर की सीट से हटाए जाने के बाद बिष्ट ने कहा था कि यह भाजपा की सबसे बड़ी गलती है. लेकिन भाजपा के लोगों का कहना था कि यहां लोग मिश्रा को पसंद करते हैं. बिष्ट की नाराजगी के बीच भाजपा के राष्ट्रीय नेता ने ऐलान किया कि बिष्ट मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ेंगे. मुस्तफाबाद में पहाड़ी आबादी ज्यादा है.
पहले से थे विधायक
बिष्ट ने पहले एक अखबार से कहा था कि "जब मुस्तफाबाद सीट बनाई गई उस वक्त में करावलनगर में 1998 से 2008 तक विधायक था. यहां लोग मेरा सपोर्ट करने के लिए सड़कों पर उतरे. पार्टी की तरफ से भी सपोर्ट है. मुझे पूरी उम्मीद है कि मुस्तफाबाद पहली सीट होगी जो भाजपा जीतेगी."
बिष्ट पर इल्जाम
भाजाप नेता बिष्ट के जरिए मुस्तफाबाद के जरूरी मुद्दों को उठाने के लिए उनकी तारीफ करते हैं. साल 2020 में बिष्ट विवादों में घिरे थे. एक औरत ने उन पर दंगे में भीड़ की कयादत करने और उसकी दुकान जलाने का इल्जाम लगाया. हालांकि बिष्ट पर कोई भी केस है.