Sudan News: सूडान के उत्तरी दारफुर में 24 मार्च को हवाई हमले किए गए हैं, जिसमें तकरीबन 54 लोग मारे गए हैं. लगातार हो रहे इन हवाई हमलों ने यूनाइटेड नेशन को परेशानी में डाल दिया है. इन हमलों में हमेशा ही दर्जनों नागरिकों की जान जा रही है.
बताया जा रहा है कि हवाई हमले सोमवार की रात को उत्तरी दारफुर के बाजार पर किया गया है. यह बाजार एल फशर से तकरीबन 40 किलोमीटर की दूरी पर है. इससे पहले इतवार को भी खार्तूम में एक मस्जिद पर तोपो से हमले किए गए थे, जिसमें कई नागरिकों की जान गई थी.
लगातार हमलों में दर्जनों नागरिकों की जान जा रही है, जिसपर यूनाइटेड नेशन ने अपनी चिंता जाहिर की है. UN के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को कहा, "सोमवार को उत्तरी दारफुर में एल फशर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम के एक बाजार पर हवाई हमले में दर्जनों लोगों के हताहत होने की खबर है. यूएन खार्तूम में बढ़ते हमलों को लेकर बेहद परेशान है, खासकर उन इलाकों में जहां आबादी अधिक है. इतवार को शाम की नमाज के वक्त पूर्वी खार्तूम में एक मस्जिद पर तोपखाने से हमला हुआ, जिसमें कई नागरिकों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए है."
ओमदुरमन में भी गोलाबारी
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक खार्तूम के जूड़वां शहर ओमदुरमन में भी भारी गोलाबारी की खबरें हैं, जिसमें नागरिकों के हताहत की खबर है. प्रवक्ता ने कहा, "यूएन लड़ाई में शामिल सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के मुताबिक लोगों और नागरिक बुनियादी ढांचे की रक्षा करने और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव उपाय करने के अपने दायित्वों की याद दिलाता है."
हमलों के वजह से हुई ताबाही के साथ-साथ स्टीफन दुजारिक ने हेल्थ फैसिलिटी पर भी ध्यान दिया है. उन्होंने बताया है कि पिछले महीने हेल्थ फैसिलिटी पर हुए हमलों में से तकरीबन आधे से ज्यादा हमले दारफुर में हुए थे. दुजारिक ने कहा, "मुख्य दाताओं द्वारा शत्रुता और हाल ही में किए गए फंडिंग कटौतियों ने सूडान में स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह से बाधित किया है, जिसमें दारफुर के इलाके भी शामिल है. यूएन और उसके मेंबर बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं, भले ही फंडिंग की कमी और पहुंच संबंधी बाधाएं हों, जिनमें चल रही दुश्मनी भी शामिल है."
सिर्फ दो महीने की फैसिलिटी बची
हेल्थ पार्टनर के रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर इलाकों के हेल्थ फैसिलिटी में सिर्फ एक से दो महीने की ही दवाई और तमाम सुविधाएं बची हुई है. साथ ही उत्तर और दक्षिण दारफुर राज्यों में भी कमी है.