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70 फीसद मुस्लिम आबादी वाला देश, क्यों बैन कर रहा है नकाब? राष्ट्रपति भी है मुसलमान

Muslim Country: एक ऐसा देश है जहां का राष्ट्रपति भी मुसलमान है और वहां की 70 फीसद आबादी भी मुसलमान है, इसके बावजूद वहां औरतों के नकाब लगाने पर बैन लगाया जा रहा है.

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70 फीसद मुस्लिम आबादी वाला देश, क्यों बैन कर रहा है नकाब? राष्ट्रपति भी है मुसलमान
Sami Siddiqui |Updated: Jul 03, 2025, 01:18 PM IST
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Muslim Country: आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने वाले हैं, जो मुस्लिम बहुल होने के बाजूद महिलाएं के चेहरे पर नकाब लगाने पर ऐतराज कर रहा है. संसद से बिल पास किया गया है और जल्द ही ये कानून बन जाएगा. खास बात यह है कि इस देश का राष्ट्रपति भी मुसलमान है. हम बात कर रहे हैं कज़ाकिस्तान की. जहां पब्लिक जगहों पर नकाब लगाने और ऐसे कबड़े पहनने पर रोक की बात की गई है जिनमे नकाब होता है.

क्यों लिया गया ये फैसला?

यह बिल अब राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायव के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. इलाकाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला सिक्योरिटी वजहों और देश की धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) पहचान बनाए रखने के लिए लिया है.

अधिकारियों का कहना है कि जो कपड़े चेहरा पूरी तरह ढक देते हैं, उनसे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को किसी व्यक्ति की पहचान करने में मुश्किल होती है. इससे देश की सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

कुछ मामलों में झूट

हालांकि, इस कानून में कुछ खास हालातों में छूट भी दी गई है. जैसे अगर कोई व्यक्ति बीमारी, मौसम, ऑफिस के नियम, सांस्कृतिक कार्यक्रम या नागरिक सुरक्षा के कारण चेहरा ढकता है, तो उस पर यह पाबंदी नहीं लगेगी.

अधिकारियों का कहना है कि नकाब और पूरी तरह से चेहरा ढकने वाले कपड़े इस्लाम में जरूरी नहीं है और यह परंपराएं अक्सर विदेशी धार्मिक प्रभावों से जुड़ी होती हैं. राष्ट्रपति टोकायव ने मार्च 2024 में कहा था कि नकाब एक पुराना और अस्वाभाविक पहनावा है, जिसे नए कट्टरपंथी लोगों द्वारा महिलाओं पर थोपा जा रहा है.

नकाब पहनने वालों में इजाफा

उन्होंने कहा था कि यह कज़ाकिस्तान की पारंपरिक संस्कृति के खिलाफ है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में कज़ाकिस्तान की सड़कों पर नकाब पहनने और काले कपड़ों से पूरा शरीर ढकने वाली महिलाओं की तादाद बढ़ी है. इससे देश में धार्मिक सोच में बदलाव दिख रहा है.

इससे पहले 2017 में भी स्कूल की छात्राओं के लिए हिजाब पहनने पर रोक लगाई गई थी. 2023 में यह रोक सभी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों पर भी लागू कर दी गई थी. इसका विरोध करते हुए 150 से ज्यादा लड़कियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था. उस समय भी राष्ट्रपति टोकायव कहा था कि स्कूल एक शैक्षणिक स्थान है, जहां धार्मिक पहनावे की जगह नहीं हो सकती.

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