Ajmer News: अजमेर में मोहर्रम के चांद के ऐलान के साथ ही पूरे शहर, खासकर दरगाह इलाके और मुस्लिम बहुल इलाकों में शोहदाए कर्बला की याद में अकीदतमंदों ने मजलिसों और मातम का सिलसिला शुरू कर दिया है. सुल्तानुल हिंद, हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह की दरगाह में हज़रत इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की याद में ताज़िया मुबारक का क़याम किया गया.
दरगाह के मक़बरे में अकीदतमंदों ने इमाम बारगाह में पहुंचकर जिक्र-ए-शोहदाए कर्बला किया और हज़रत इमाम हुसैन की बारगाह में सलाम पेश किया. इस मौके पर अकीदतमंदों ने हरे लिबास पहनकर नजर-ओ-नियाज़ भी पेश की.
अजमेर के दौराई इलाके में भी मोहर्रम के महीने की शुरुआत के साथ ही अज़ादारों ने तुर्बत, अलम और ताज़िया की सवारी निकाली. इस दौरान नोहा पढ़ते हुए कर्बला के शहीदों को याद किया गया. शिया जमात के नौजवानों ने काले कपड़े पहनकर मातम किया और ग़मे हुसैन मनाया.
लोगों ने अपने घरों पर काले और हरे झंडे लगाए, और अब आने वाले 40 दिनों तक ग़मे हुसैन का सिलसिला जारी रहेगा. इस दौरान कोई भी खुशी का काम नहीं किया जाएगा, बल्कि अहलेबैत और शोहदाए कर्बला के नाम पर नजर-ओ-नियाज़ और मजलिसों का आयोजन होगा.
दौराई में शिया समुदाय ने हज़रत इमाम हुसैन की चौकी धोने की रस्म अदा की. कर्बला स्थल पर कुएं के पानी से चौकी धोने के बाद उसे मर्सियाख़्वानी के साथ इमाम बारगाह में लाया गया. इस रस्म को देर रात अंजाम दिया गया.
अंजुमन शहीदाने फुरात के सदर नफीस हैदर ने जानकारी दी कि 27 जून से मोहर्रम की पहली तारीख के साथ ही मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है. दस मोहर्रम तक, दौराई के तमाम इमाम बारगाहों में हर रात मजलिसें होंगी, जिनमें मौलाना सैय्यद तकी जाफर, मौलाना सैय्यद हुसैन मेहदी, और मौलाना सैय्यद सलमान अली खिताब फरमाएंगे.