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न खुदा मिला न विसाल- ए- सनम; 25 हज़ार अफगान नागरिकों को मरने के लिए तालिबान के हवाले करेगा अमेरिका

America Afghanistan: कुछ लोगों ने अफगानिस्तान में रहते हुए अमेरिका के साथ काम किया था. उसके बाद भाग कर पाकिस्तान आए. उन्हें अमेरिका में बसाया जाना था लेकिन अब उनके भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है.

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न खुदा मिला न विसाल- ए- सनम; 25 हज़ार अफगान नागरिकों को मरने के लिए तालिबान के हवाले करेगा अमेरिका
Zee Salaam Web Desk|Updated: Jan 22, 2025, 08:31 PM IST
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America Afghanistan: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शरणार्थी प्रोग्राम को निलंबित करने का कार्यकारी आदेश जारी किया है. उनके इस कदम ने पाकिस्तान में रहने वाले हजारों अफगानों के भाग्य पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है. अमेरिकी शरणार्थी प्रोग्राम के तहत अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तान में रह रहे 25,000 से ज्यादा अफगान नागरिकों को आखिरकार अमेरिका में बसाया जाना था. ये वे लोग थे जो तालिबान शासित अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तान में आए थे और सालों से अमेरिका में पुनर्वास का इंतजार कर रहे थे.

लोगों ने किया अमेरिका के साथ काम
पाकिस्तान सरकार और बाइडेन प्रशासन के बीच हुए समझौते के मुताबिक, दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी थी कि 25,000 से अधिक अफगानों- को बाद में अमेरिका में बसाया जाएगा. इनमें से ज्यादातर ने अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल की सत्ता पर कब्जे से पहले अमेरिकी सेना और उसके ठेकेदारों के साथ काम किया था. इस्लामाबाद को शुरू में उम्मीद थी कि यह समझौता अफगान नागरिकों के देश में अस्थायी प्रवास के लिए होगा. हालांकि, पिछले साढ़े तीन सालों से इस पर कोई तरक्की नहीं हुई है.

1660 अफगानों का वीजा रद्द
सीनियर रणनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहा, "बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया था कि विशेष अप्रवासी वीजा (SIV) और अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम (USIP) जैसी पहलों के जरिए अफगानों को फिर से बसाया जाएगा. लेकिन अब, ट्रम्प के कार्यकारी आदेश के बाद, पूरी प्रक्रिया बाधित हो गई है." यह भी बताया गया है कि अमेरिकी सरकार ने अपने परिवारों के साथ अमेरिका में पुनर्वास के लिए कम से कम 1,660 अफगानों के वीजा निलंबित कर दिए गए. एक अधिकारी ने कहा, "यह ट्रंप के अमेरिकी शरणार्थी प्रोग्राम को निलंबित करने के आदेश के तुरंत बाद हो रहा है."

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान-अफगानिस्तान टेंशन के बीच एक्शन में तालिबान, अपने लोगों से की ये अपील

अफगान नागरिकों के मारे जाने का डर
वाशिंगटन के इस फैसले ने अब पाकिस्तान में इन अफगान नागरिकों के भाग्य को खतरे में डाल दिया है. सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिजनर्स एड (SHARP) के अध्यक्ष सैयद लियाकत बनोरी ने कहा, "इन दुर्भाग्यपूर्ण अफगानों को अब कई समस्याओं और गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है. वे पाकिस्तान में हैं, एक ऐसा देश जो गैर अफगानों को उनके देश वापस भेज रहा है. अफगानिस्तान में, इन लोगों को गिरफ्तार किए जाने और मारे जाने का खतरा है क्योंकि अफगान तालिबान उन सभी लोगों के खिलाफ है, जिन्होंने अगस्त 2021 से पहले अमेरिकी सेना के साथ काम किया था." पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने भी इस मामले पर चिंता जाहिर की है. एक अधिकारी ने कहा, "हमें पता था कि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद यह शरणार्थी कार्यक्रम जांच के दायरे में आ सकता है, लेकिन नए प्रशासन ने जिस तरह से इस पर कार्रवाई की है, वह आश्चर्यजनक है."

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