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सूडान के कैम्प पर हुए हमलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत, 23 बच्चें भी शामिल

Sudan News: ओसीएचए ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि सूडान के विस्थापन कैम्प पर हुए हमलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो हुई, जिसमें 23 बच्चें भी शामिल थे. आईएमओ के मुताबिक ज़मज़म शिविर से तकरीबन 16,000 लोगों ने पलायन किया है.   

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सूडान के कैम्प पर हुए हमलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत, 23 बच्चें भी शामिल
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 15, 2025, 08:37 AM IST
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Sudan News: सूडान में हमलों का कहर लगातार जारी है. यूएन के ह्यूमन मामलों के ऑर्गेनाइजेशन ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि सूडान के ज़मज़म इलाके के विस्थापन शिविर पर हुए हमलों में 300 से ज्यादा नागिरकों की जान जा चुकी है.  

OCHA ने बताया, "11 और 12 अप्रैल को उत्तरी दारफुर में ज़मज़म और अबू शौक के विस्थापन कैम्प में लड़ाई हुई, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है." मरने वालों में प्राईवेट ऑर्गेनाइजेशन रिलीफ इंटरनेशनल के 10 कर्मचारी भी शामिल थे. यह कर्मचारी ज़मज़म कैम्प के आखिरी स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर रहे थे. UNICEF ने दावा किया है कि इन हमलों में तकरीबन 23 बच्चों की भी जान गई है. 

अकाल की स्थिति
यूएन महासचिव के प्रवक्त स्टेफन दुजारिक ने कहा है,  "इन हमलों के मुजरिमों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए." इसके साथ ही सूडान के आवाम की सुरक्षा की भी अपील की है. यूएन ने फरवरी में ज़मज़म और अबू शौक कैम्प की हालात को अकाल की स्थिति बताई है. 

16000 लोग विस्थापित 
इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक ज़मज़म शिविर से तकरीबन 16,000 लोगों ने पलायन किया हैं, जो अल-फ़शर की तरफ जाकर रहने लगें. इतनी बड़ी संख्या के विस्थापितों से हालात लगातार बेकार हो रहे हैं.  एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि एक हफ्ते में तकरीबन 19000 लोगों ने शहर छोड़ दिया है. 

जरूरत के चीजों की कमी
ज़मज़म और अल-फ़शर में खाने, ईंधन और स्वास्थ्य चीजों की भारी कमी है, जिसके वजह से इतने बड़ी संख्या तदाद में विस्थापन हो रहे हैं. पिछले तीन महीनों में डीजल की कीमत पांच गुना बढ़ी है.

300 लोगों की मौत 
WHO ने बताया दो सालों में स्वास्थय सेवाओं पर तकरीबन 160 हमले हुए है, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. वहीं एक-तिहाई अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं.  सूडान में गृहयुद्ध 15 अप्रैल, 2023 को शुरू हुआ था, जब रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (RSF) मिलिशिया ने खार्तूम पर हमला किया था

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