trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02821114
Home >>Muslim World

बलूचिस्तान में लोगों को कौन कर रहा है गायब! किस पर है शक की सुई; जानें पूरा मामला

Pakistan News: बलूचिस्तान दशकों से मानवाधिकारों की चिंताओं का केंद्र रहा है. इस क्षेत्र ने अलगाववादी आंदोलनों, भारी सैन्य उपस्थिति, जबरन गायब किए गए लोगों और आर्थिक हाशिए पर धकेले गए लोगों से जुड़ी हिंसा के चक्र का सामना किया है. इस बीच एक शख्स लापता हो गया है.

Advertisement
बलूचिस्तान में लोगों को कौन कर रहा है गायब! किस पर है शक की सुई; जानें पूरा मामला
Tauseef Alam|Updated: Jun 30, 2025, 12:16 PM IST
Share

Pakistan News: पाकिस्तान के सबसे अशांत प्रांत बलूचिस्तान में हर दिन कोई न कोई लापता हो जाता है. इस बीच एक बलूच शख्स जीशान ज़हीर को अज्ञात लोगों ने जबरन अगवा कर लिया है. यह जानकारी बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) के मानवाधिकार विभाग पांक ने दी. यह घटना 29 जून की शाम की है. जीशान ज़हीर पिछले कई सालों से अपने लापता पिता की रिहाई के लिए मुहिम चला रहे थे, जिन्हें 10 साल पहले पाकिस्तान की सेना ने कथित रूप से उठाया था और तब से उनका कुछ पता नहीं चला.

इस बारे में पांक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जीशान को जबरन गायब कर दिया गया है. ये मामला बलूचिस्तान में लगातार हो रही जबरन गुमशुदगियों की एक और कड़ी है, जिससे वहां के लोग डर और असुरक्षा में जी रहे हैं. बलूच संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तान सरकार से जीशान ज़हीर की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है.

पांक से जीशान की रिहाई की मांग की
पांक ने एक्स पर लिखा, "आज शाम (29 जून), ज़हीर अहमद बलूच के बेटे और खुदाबदान, पंजगुर के निवासी ज़ीशान ज़हीर को फुटबॉल चौक से अज्ञात हथियारबंद लोगों ने जबरन अगवा कर लिया. ज़ीशान ज़हीर बलूच का बेटा है, जिसे 13 अप्रैल, 2015 को पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब कर दिया था और वह अभी भी लापता है. न्याय की तलाश में ज़ीशान अपने पिता की सुरक्षित रिहाई के अभियान में सक्रिय रूप से शामिल था और बलूचिस्तान में जबरन गायब होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए इस्लामाबाद तक के लंबे मार्च में विशेष रूप से भाग लिया था."

पांक ने अपने पोस्ट में लिखा, "इस अवैध अपहरण के लिए पाकिस्तान सेना और उसके समर्थित मौत दस्तों को जिम्मेदार ठहराया है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों से बलूचिस्तान में चल रहे अत्याचारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है."

सबसे अशांत प्रांत है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान दशकों से मानवाधिकारों की चिंताओं का केंद्र रहा है. इस क्षेत्र ने अलगाववादी आंदोलनों, भारी सैन्य उपस्थिति, जबरन गायब किए गए लोगों और आर्थिक हाशिए पर धकेले गए लोगों से जुड़ी हिंसा के चक्र का सामना किया है. इन मुद्दों ने मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का ध्यान आकर्षित किया है. मानवाधिकार समूहों ने लंबे समय से पाकिस्तानी अधिकारियों पर बलूचिस्तान में नागरिकों को बिना उचित प्रक्रिया के अपहरण करने, असंतोष को दबाने और अशांत क्षेत्रों में समुदायों को डराने के लिए जबरन गायब करने का आरोप लगाया है.

पाकिस्तान ने बलूचों के आरोपों को किया खारिज
पाकिस्तानी अधिकारी नियमित रूप से इन आरोपों का खंडन करते हैं, लेकिन नागरिक समाज छात्रों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और निवासियों को निशाना बनाकर व्यवस्थित अपहरण में सुरक्षा बलों की भूमिका की निंदा करना जारी रखता है.

Read More
{}{}