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'गुड टेररिस्ट' का साथ पड़ा पाकिस्तान पर भारी; खैबर पख्तूनख्वा में थाने पर फिर बरसे ड्रोन बम

Terror Attack in Pakistan: लगातार भारत के खिलाफ नापाक साजिश रचने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकियों का निशाना बन रहा है. बीते जुलाई माह में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान नाम के आतंकी संगठन ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत ने हमले तेज कर दिये, जिसमें कई पुलिस स्टेशन को निशाना बनाकर किया गया.  

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पुलिस स्टेशन पर TTP ने ड्रोन से किया हमला
पुलिस स्टेशन पर TTP ने ड्रोन से किया हमला
Raihan Shahid|Updated: Jul 13, 2025, 06:39 PM IST
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Pakistan News Today: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों द्वारा ड्रोन हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. शनिवार (12 जुलाई) देर रात मिर्यान पुलिस स्टेशन को एक बार फिर ड्रोन के जरिए निशाना बनाया गया. पुलिस अधिकारियों ने रविवार (13 जुलाई) को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह पिछले एक महीने में मिर्यान थाने पर हुआ पांचवां ड्रोन हमला है.

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार भी एक क्वाडकॉप्टर ड्रोन ने ऊंचाई से हथियारों और गोलाबारूद से लैस सामग्री थाने के आसपास गिराई. हालांकि, इस हमले में किसी भी तरह की जानमाल का नुकसान या इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा. सुरक्षा अधिकारियों ने माना कि ड्रोन इतनी ऊंचाई पर उड़ रहा था कि उसे गिराना संभव नहीं हो पाया.

पुलिस ने बताया कि मिर्यान थाने को लगातार निशाना बनाए जाने से यह स्पष्ट है कि आतंकवादी अब अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल तेजी से करने लगे हैं. खासकर सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन से हमले और हथियार गिराने की घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बन गई हैं. हमले के बाद पूरे बन्नू क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है और सुरक्षाबलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है. 

अधिकारियों ने बताया कि हाल के महीनों में ड्रोन की मदद से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. इससे एक दिन पहले शुक्रवार की रात लक्की मरवत जिले के सेराई गंबीला पुलिस स्टेशन पर भी एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. करीब एक दर्जन आतंकियों ने थाने को चारों ओर से घेर लिया और हल्के व भारी हथियारों से हमला किया. यह थाना पेशावर-कराची हाईवे के पास स्थित है और पहले भी कई बार आतंकी हमलों का शिकार हो चुका है.

इससे पहले 2 जुलाई को बाजौर जिले के फाटक मेला इलाके में एक शक्तिशाली आईईडी धमाके में चार लोगों की जान चली गई थी. मृतकों में नवागाई के सहायक आयुक्त फैसल सुल्तान और एक वरिष्ठ अधिकारी समेत दो पुलिसकर्मी शामिल थे. यह विस्फोट एक सरकारी काफिले को निशाना बनाकर किया गया था. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की नई रणनीति है, जिसमें ड्रोन तकनीक और अचानक हमलों का सहारा लिया जा रहा है.

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