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गाजा नरसंहार पर स्लोवेनिया का करारा तमाचा; इजराइल से तोड़ा हथियारों का रिश्ता

Slovenia Ban Israeli Armed Trades: यूरोपीय देश स्लोवेनिया ने गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई और मानवीय संकट का हवाला देते हुए हथियारों की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह रोक लगा दी है. यह फैसला यूरोपीय संघ के किसी सदस्य देश की ओर से ऐसा पहला और साहसी कदम है. इसे इसराइल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.  

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स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब (फाइल फोटो)
स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब (फाइल फोटो)
Raihan Shahid|Updated: Aug 02, 2025, 02:28 PM IST
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Slovenia Ban Israel: गाजा में जारी जंग और बेगुनाह फिलिस्तीनियों के नरसंहार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजराइल औ नेतन्याहू सरकार की आलोचना हो रही है. अब इसी कड़ी में स्लोवेनिया ने एक ऐतिहासिक और साहसी कदम उठाया है. स्लोवेनिया ने इजराइल के साथ सभी तरह के हथियार व्यापार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है.

स्लोवेनिया यूरोपीय संघ (EU) का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने गाजा में जारी सैन्य कार्रवाई के चलते यह फैसला लिया है. इस कदम को स्लोवेनियाई सरकार ने "यूरोपीय संघ के किसी सदस्य देश की ओर से अपनी तरह की पहली कार्रवाई" बताया है. स्लोवेनिया की ऑफिशियल न्यूज एजेंसी STA के मुताबिक, प्रधानमंत्री रॉबर्ट गोलोब ने पहले भी यह संकेत दिया था कि अगर यूरोपीय संघ गाजा मुद्दे पर कोई सामूहिक नीति नहीं बनाता है, तो स्लोवेनिया स्वतंत्र रूप से फैसला लेगा और अब उन्होंने अपने वादे पर अमल कर दिखाया है.

स्लोवेनिया की सरकार पहले भी गाजा में मानवाधिकार उल्लंघनों और बेगुनाह फिलिस्तीनियों की मौत पर चिंता जाहिर कर चुकी है. ऐसे में इस प्रतिबंध को वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार मंचों पर साहसिक फैसले के मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे दूसरे यूरोपीय देश भी प्रभावित होकर इस तरह के कड़े फैसले ले सकते हैं. 

स्लोवेनिया ने किया 'आर्म्स ट्रेड' कैंसल

दरअसल, स्लोवेनिया ने  गाजा में चल रही सैन्य कार्रवाइयों का हवाला देते हुए इजरायल से किसी भी तरह का 'आर्म्स ट्रेड' करने से मना कर दिया है. इस तरह स्लोवेनिया यूरोपीय संघ का पहला देश बन गया है जिसने गाजा जंग को वजह बताकर इजरायल के साथ हथियार की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. स्लोवेनिया सरकार के बयान में कहा गया है कि "यूरोपीय संघ वर्तमान में आंतरिक मतभेदों की वजह से पंगु हो गया है, जिससे संयुक्त कार्रवाई असंभव हो गई है." 

स्लोवेनिया सरकार के ऑफिशियल बयान में आगे कहा गया है कि "गाजा में फिलिस्तीनियों के हालात चिंताजनकर और दुखद हैं. गाजा में लोग किसी भी तरह की मदद, साफ पानी, खाना और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के कमी की वजह से मर रहे हैं, ये लोग अक्सर मलबे में दबे दिखते हैं." हालांकि, स्लोवेनिया का इजरायल के साथ हथियारों का लेन-देन बहुत कम है, यह प्रतिबंध काफी हद तक प्रतीकात्मक है. 

प्रतिबंध का क्या है मकसद?

स्लोवेनिया की प्रतिबंध का मकसद इजरायल की कार्रवाइयों और गाजा में मानवीय संकट की बढ़ती वैश्विक आलोचना के बीच एक मजबूत कूटनीतिक संदेश देना है. यह फैसला स्लोवेनिया सरकार के जरिये की गई अतिरिक्त कार्रवाइयों के बाद आया है, जिसमें जुलाई में दो अति-दक्षिणपंथी इजरायली मंत्रियों को देश में घुसने से रोकना भी शामिल है. यहूदी मंत्रियों पर हिंसा को बढ़ावा देने और फिलिस्तीनियों के खिलाफ "नरसंहार" वाली टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था.

इससे पहले जून 2024 में स्लोवेनिया की संसद ने फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी थी और इस तरह ऐसा करने वाले आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन जैसे देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया था. एक्सपर्ट की मानें तो भले ही स्लोवेनिया का इजराइल के साथ हथियारों का कारोबार बहुत बड़े स्तर पर नहीं है, लेकिन इससे नेतन्याहू सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. 

यह देश पहले ही लगा चुके हैं प्रतिबंध

वहीं, अन्य यूरोपीय देशों ने भी इजरायल को हथियारों के आदान प्रदान पर प्रतिबंध लगा दिया है. ब्रिटेन ने पिछले साल कुछ हथियारों के एक्सपोर्ट को कैंसल कर दिया था और स्पेन ने अक्टूबर 2023 में हथियारों की बिक्री रोक दी थी. नीदरलैंड ने हथियारों से संबंधित नियंत्रण कड़े कर दिए हैं, जबकि फ्रांस और बेल्जियम में कानूनी चुनौतियां जारी हैं.

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