Gaza News: हमास ने कहा है कि इजरायल गाजा पर हमले के जरिए बंधकों को छुड़ाने की कोशिश कर रहा है. गाजा में कैदियों का हवाला देते हुए हमास ने एक बयान में कहा कि गाजा पर इजरायल के हमले ग्रुप पर कैदियों को रिहा करने के लिए दबाव डालने का एक खूनी मैसेज था. वहीं इजराइल के पूर्ल खुफिया एजेंट्स ने सरकार को पत्र लिखा है और इस जंग को खत्म करने की मांग की है.
इसके साथ ही हमास ने बयान में कहा गया है कि नेतन्याहू और उनकी सरकार बिना सीज़फायर समझौते के कुछ नहीं कर पाएगी. जिसमें कैदियों की अदला बदली होगी और इस जंग का अंत होगा. मिलिटेंट्स ने कहा कि कैदियों को मिलिट्री दबाव की वजह से हरगिज वापस नहीं किया जाएगा.
इजराइल ने हमास के सामने सीजफयर प्रस्ताव पेश किया है. जिसकी कुछ चीजों पर हमास की रज़ामंदी नहीं है. उधर इससे पहले इजराइल ने इस बात पर जोर दिया था कि वह मिलिट्री के जरिए हमास पर ज़ोर डालना चाहता है. ताकि, वह बंधकों को छोड़ सके. लेकिन, उसकी ये धारणा गलत साबित हुई.
इस जंग क खत्म करने के लिए इजराइल की खुफिया एजेंसी के 250 से ज्यादा अधिकारियों ने इजराइली सरकार को खत लिखा है. जिनमें 12 टॉप ऑफिसर्स भी शामिल हैं. इस खत में लिखा गया है कि जारी लड़ाई की वजह से इजराइली कैदियों और हमारे सैनिकों की जान खतरे में है. इस जंग के खात्मे की लिए हर मुमकिन कोशिश की जाए.
इस खत पर इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इन पत्रों पर हस्ताक्षर करने वालों को चरमपंथी बताया और कहा कि ऐसे लोग इज़राइली मआशरे को अंदर से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इस पत्र को 200 इजरायली सैन्य डॉक्टरों के जरिए दिए गए पत्र का भी समर्थन मिला है, जिसमें संघर्ष को समाप्त करने और कैदियों की वापसी की मांग की गई थी.
डॉक्टरों के जरिए लिखे गए पत्र में कहा गया है कि गाजा में चल रही लड़ाई मुख्य रूप से राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों को संतुष्ट करने के लिए है, जिसका कोई वास्तविक सुरक्षा उद्देश्य नहीं है. इससे सैनिकों और बंधकों की जान को ख़तरा होता है. लड़ाई से इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के सैनिकों और विस्थापित नागरिकों के जीवन को खतरा है.