Gaza News: सोमवार को इजरायली सेना ने कबूल किया कि गाजा पट्टी में डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर हमला होने से फिलिस्तीनी नागरिक को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए नई हिदायतें अपने सैनिकों को दे दी गई हैं.
19 मई को इजरायल ने 11 हफ्ते तक लगी गाजा की सहायता बंदी को हटाकर अमेरिका और इजराइली समर्थित संगठन के जरिए मदद पहुंचाने का वादा किया था. इसके बाद से युनाइटेड नेशन्स के मुताबिक, 400 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मदद लेने के दौरान मारे जा चुके हैं.
इजरायली सेना के बयान में कहा है कि मदद करने वाले सेंटर्स पर नागरिकों को हुए नुकसान की घटनाओं की गहन जांच की गई और सबक सीखने के बाद सैनिकों को नई हिदायतें दी गई है.
युनाइटेड नेशन्स के सीनियर अधिकारी ने रविवार को कहा कि ज्यादातर मरने वाले लोग अमेरिकी समर्थित गाजा ह्यूमनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) के मदद वितरण केंद्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. GHF ने मई के आखिर में गाजा में खाद्य सामग्री बांटना शुरू किया था. युनाइटेड नेशन्स कहता है कि यह डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल निष्पक्ष और तटस्थ नहीं है.
गाजा के कई लोग बताते हैं कि उन्हें मदद के लिए कई घंटे चलना पड़ता है, इसलिए वे जल्दी सुबह बहुत पहले ही निकल जाते हैं ताकि खाना मिल सके. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा,"गाजा में अमेरिकी समर्थित मदद करने वाले ऑपरेशन स्वाभाविक रूप से असुरक्षित हैं और यह लोगों को मार रहा है.
इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि युनाइटेड नेशन्स GHF के जरिए मदद पहुंचाए, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने इसे कबूल नहीं किया है. वह इस डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल की तटस्थता पर सवाल उठा रहा है. गुटेरेस ने कहा,"कोई भी ऑपरेशन जो पीड़ित नागरिकों को सैन्य क्षेत्रों में भेजता है, स्वाभाविक रूप से असुरक्षित होता है और लोगों को मार रहा है."