Gaza Ramadan: रमजान दस्तक देने वाला है और रोजे इस्लाम के अहम पिलर्स में से एक है. टैंट्स में रह रहे फिलिस्तीनियों का जंग के बीच यह दूसरा रमजान है. हालांकि, सीजफायर लागू है. लेकिन, रहने के लिए जगह और पानी नहीं है और इबादत के लिए मस्जिदें नहीं है.
गाजा में, जो इजरायल के 15 महीने के नरसंहारकारी बमबारी ऑपरेशन से बुरी तरह जख्मी है वह रोजा रखने से पीछे नहीं हट रहे हैं. निवासियों ने सड़कों और घरों को लालटेन, बैनर और रंग-बिरंगे झंडों से सजाकर रमजान के पाक महीने की तैयारी शुरू कर दी है.
As Ramadan nears, Palestinians in Gaza are brightening the streets and walls with decorations, offering a glimpse of hope and resilience amid the surrounding destruction. Despite the wreckage of buildings, lanterns and vibrant banners stand as symbols of their enduring spirit, as… pic.twitter.com/Txxuoi0ohD
— Islam Channel (@Islamchannel) February 27, 2025
इजरायल के युद्ध से हुई बड़ी तबाही के बावजूद, पट्टी के फिलिस्तीनी आस्था और लचीलेपन के प्रतीकों के साथ अपनी कम्यूनिटी को दोबारा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. हाथ से बना हुआ सजावट का सामान, चमकते आधे चांद और रंगबिरंगी रोशनियां अब इमारतों के बीच लटक रही हैं, जो इस हफ्ते मुस्लिम महीने रमजान की शुरुआत से पहले एकता और उम्मीद की भावना ला रही है.
कई लोगों के लिए, ये तैयारियां मुश्किलों का सामना करते हुए हिम्मत और रुहानी ताकत की याद दिलाती हैं. ऐसा लगता है कि परिवार पाक महीने के एहतराम को बनाए रखने पूरी तरह से मुत्तहिद हैं. हालांकि, काफी लोग ऐसे हैं जिनके पास खाना खरीदने और सजावट का सामान खरीदने के पैसे नहीं हैं और वह इसके लिए काम कर रहे हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुकानदार होसम अल-अजूज ने कहा कि पिछले सालों में रमजान का वक्त सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद होता था, लेकिन इस साल चीज़ें काफ़ी धीमी हो गई हैं. गाजा में अपनी दुकान के बाहर लालटेन दिखाते हुए अल-अजूज कहते हैं: "लोग अभी भी आहत हैं, बाज़ारों में ज़्यादा हलचल नहीं है."
पैसे की कमी के अलावा, लोग बिजली सहित सुविधाओं के बिना भी सामान जमा कर रहे हैं. अल-अजूज कहते हैं, "लालटेन को बिजली की ज़रूरत होती है, इसलिए हम उन्हें सिर्फ़ सजावट के तौर पर बेच रहे हैं."