Taliban in Germany: जर्मनी ने सोमवार को कहा कि उसने सत्तारूढ़ तालिबान सरकार के दो राजदूतों को देश में दाखिल होने की इजाजत दी है. यह तालिबान के 2021 में सत्ता कब्जाने के बाद पहली बार हुआ है. बर्लिन ने कहा कि इस कदम को अफ़ग़ान प्रवासियों के और निर्वासन को सुगम बनाने के लिए मंज़ूरी दी गई है.
बता दें, जर्मनी ने पिछले शुक्रवार को शरण आवेदनों के फेल होने और आपराध साबित होने के बाद 81 अफ़ग़ानों को निर्वासित किया था. तालिबान सरकार को उसके मानवाधिकार रिकॉर्ड और ख़ासकर महिलाओं के साथ उसके व्यवहार के कारण आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं मिली थी.
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मीस ने ज़ोर देकर कहा है कि तालिबान सरकार को राजनयिक मान्यता नहीं मिली है, जबकि उसने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को देश में प्रवेश और काम करने की इजाजत दी है. जब 2021 में तालिबान ने देश पर फिर से कब्ज़ा किया था, तो जर्मनी ने अफ़ग़ानिस्तान के लिए निर्वासन रोक दिया था.
जर्मन फॉरेन ऑफि\स के मुताबिक, जर्मनी में अफ़ग़ान राजनयिक मिशनों का नेतृत्व मौजूदा वक्त में वे अधिकारी कर रहे हैं जिन्हें 2021 में तालिबान के सत्ता में आने से पहले मान्यता प्राप्त थी. ऑफिस ने आगे कहा कि अफ़ग़ान मिशनों में कर्मचारियों की तादाद बहुत कम है.
विदेश कार्यालय ने कहा, "जर्मन सरकार यह सुनिश्चित करने में रुचि रखती है कि जर्मनी में अफ़ग़ान नागरिकों को उचित कांसुलर सहायता मिले, उदाहरण के लिए पासपोर्ट जारी करना आदि." जर्मन दैनिक फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन ज़ितुंग के मुताबिक, तालिबान के दूत वीकएंड में जर्मनी पहुंचेगे और बर्लिन स्थित अफ़ग़ान दूतावास और बॉन स्थित अफ़ग़ान वाणिज्य दूतावास में काम करेंगे.