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पाकिस्तान में अफगानियों पर ज़ुल्म देख जर्मनी का पसीजा दिल, जानें कितने को दिया शरण?

Afghan Refugees: पाकिस्तान ने सभी अफगान रिफ्यूजी को वापस भेजने के लिए 31 मार्च की समय सीमा तय की है. इस बीच जर्मन सरकार ने अफगान रिफ्यूजी के लिए बड़ा ऐलान किया है.

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पाकिस्तान में अफगानियों पर ज़ुल्म देख जर्मनी का पसीजा दिल, जानें कितने को दिया शरण?
Zee Salaam Web Desk|Updated: Mar 28, 2025, 03:54 PM IST
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Afghan Refugees: पाकिस्तान से 170 से ज्यादा अफगान नागिरकों को लेकर एक विमान जर्मनी के हनोवर एयर पोर्ट पर उतरा. यह अफगानों को फिर से बसाने की बर्लिन की कोशिशों का नतीजा है. अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. 

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान ने सभी अफगान रिफ्यूजी को वापस भेजने के लिए 31 मार्च की समय सीमा तय की है. जर्मन मीडिया आउटलेट बिल्ड ने जर्मन संघीय आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि 27 मार्च को पहुंचे इस समूह में 82 महिलाएं और 92 पुरुष शामिल हैं. 74 लोग 18 साल से कम उम्र के हैं. दो साल से कम उम्र के नौ बच्चे भी शामिल हैं.

एक अफगान शरणार्थी ने कहा, "हम ग्यारह महीने तक पाकिस्तानी शरणार्थी शिविर में रहे. मेरी बीवी को वकील के रूप में नौकरी के कारण तालिबान की तरफ से धमकी दी गई थी. बारह घंटे की उड़ान के बाद जब विमान उतरा, तो मैं बहुत खुश और आभारी महसूस कर रहा था."

इससे पहले फरवरी में, 155 अफगान नागरिक विमान से बर्लिन पहुंचे थे. उन्हें मुल्क के 'संघीय स्वागत कार्यक्रम' के जरिए जर्मनी में एंट्री की इजाजत दी गई. जर्मन सरकार ने अफगानिस्तान में अपने दो दशक के मिशन के दौरान जर्मन सैन्य या नागरिक एजेंसियों के साथ काम करने वाले अफगानों की मदद के लिए 2021 में प्रवेश कार्यक्रम शुरू किया था.

जर्मन सरकार के मुताबिक, सिर्फ उन शरणार्थियों को लाया जा रहा है जिनमें अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से विशेष खतरा है. अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, लगभग 36,000 लोगों को स्वीकार किया गया है, जिन्हें संघीय सरकार ने 'विशेष रूप से जोखिम में' के रूप में वर्गीकृत किया था.

जर्मनी में कितने रह रहे हैं अफगानी
जर्मन मीडिया आउटलेट वेल्ट ने बताया कि जर्मनी में पुनर्वास के लिए स्वीकृत लगभग 2,800 अफगान लोग अभी भी इस्लामाबाद में रह रहे हैं, और उनकी स्थिति लगातार निराशाजनक होती जा रही है. वीजा तीन महीने के लिए वैध होता है और जर्मनी जाने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगान प्रवासियों के निर्वासन की समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.

UN ने शहबाज सरकार को लिखी थी चिट्ठी
हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे अफगान शरणार्थियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन शरणार्थियों के निर्वासन को तत्काल रोकने की मांग की गई, जिनके पास अमेरिका में प्रवेश के लिए लंबित या स्वीकृत वीजा आवेदन हैं या जिन्होंने संयुक्त राज्य शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम (यूएसआरएपी) में रेफरल स्वीकार किए हैं.

इससे पहले, अमेरिका स्थित एक एडवोकेसी ग्रुप, ह्यूमन राइट्स वॉच ने अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी. ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों को अफगानों को घर वापस लौटने के लिए मजबूर करना फौरन बंद कर देना चाहिए और निष्कासन का सामना कर रहे लोगों को सुरक्षा की मांग करने का अवसर देना चाहिए."

बड़े पैमाने पर हो रहा है अफगानियों का उत्पीड़न
कई रिपोर्ट बताती हैं अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. कई अफगान शरणार्थियों का इल्जाम है कि वैध कानूनी दस्तावेज होने के बावजूद, उन्हें अवैध हिरासत, निर्वासन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.

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