Houthis: यमन के हूति जिन्हें अंसारुल्लाह ने नाम से भी जाना जाता है, बीते रोज अमेरिका ने उन्हें फॉरेन टेरेरिस्ट घोषित कर दिया. अब उनका इस मामले में रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने अमेरिका के इस फैसले की निंदा की है और इसे यमनी प्रतिरोध को कमजोर करने का एक गुमराह करने की कोशिश करार दिया है.
इस डेजिगनेशन को गाजा के लिए यमन के समर्थन पर हमला माना जा रहा है. अमेरिका के इस फैसले की हूतियों समेत कई संगठनों ने निंदा की है. अंसारुल्लाह की प्रेस सेवा के उप प्रमुख नस्र अल-दीन आमेर ने अमेरिकी फैसले को अप्रभावी बताते हुए इसकी तुलना समुद्र में हूतियों का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की नाकामयाब कोशिशों से की है.
आमेर ने गुरुवार को कहा, "अमेरिकी सहयोगियों की लिस्ट में शामिल होने से ज्यादा जोखिम पैदा होता और यह आतंकवादी संगठन के तौर पर लेबल किए जाने से कहीं ज्यादा उत्तेजक होता."उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी कार्रवाई गाजा के साथ एकजुटता की वजह से यमनी नागरिकों को निशाना बना रही है.
आमेर ने कहा कि अंसारुल्लाह का अमेरिका में कोई निवेश, वित्तीय खाता या व्यापारिक संबंध नहीं है, न ही इसके मेंबर उस देश की यात्रा करते हैं, जिससे आतंकी घोषित करना केवल सिंबोलिक है.
इस बीच, फिलिस्तीनी मुजाहिदीन मूवमेंट ने एक बयान जारी कर अमेरिकी फैसले की निंदा करते हुए इसे यमन के लोगों का अपमान बताया और वाशिंगटन पर गाजा में इजरायल के अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. ग्रुप ने तर्क दिया कि यह पदनाम घेरे हुए इलाके में इजरायल के जरिए किए गए "जातीय सफाई और नरसंहार" में अमेरिका की मिलीभगत को दर्शाता है.
मुजाहिदीन ने फिलिस्तीनियों के लिए उनके अटूट समर्थन के लिए यमन की सेना की भी सराहना की, और इजरायल के आक्रमण के खिलाफ लड़ाई में उनके कामों को आवश्यक बताया. उन्होंने अमेरिका के कदम को यमन के प्रतिरोध की दृढ़ता से हताशा का सबूत बताया.