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Iran ने अपने ही न्यूक्लियर साइंटिस्ट को दी फांसी, लगा था ये गंभीर आरोप

Iran News: ईरान ने अपने न्यूक्लियर साइंटिस्ट को फांसी पर चढ़ा दिया है. आरोप है कि वह इजराइल को अंदर रहकर खुफिया जानकारी मुहैया करा रहा था. इसके साथ ही ईरान ने एक और शख्स को फांसी पर चढ़ाया है जिसने एक वैज्ञानिक की हत्या में मदद की थी.

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Iran ने अपने ही न्यूक्लियर साइंटिस्ट को दी फांसी, लगा था ये गंभीर आरोप
Sami Siddiqui |Updated: Aug 07, 2025, 01:11 PM IST
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Iran News: ईरान ने बुधवार को अपने एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट को फांसी दी है. इसके पीछे वजह इजरायल के लिए जासूसी करना है.  उसके साथ ही एक दूसरे शख्स को फांसी दी गई है, जिस पर आरोप था कि उसने एक वैज्ञानिक की हत्या करने में मदद की थी. न्यायपालिका की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘मिजान’ के अनुसार, वैज्ञानिक रूजबेह वादी को तेहरान की एक जेल में फांसी दी गई.

क्या था साइंटिस्ट पर आरोप?

आरोपी साउंटिस्ट देश के सबसे संवेदनशील परमाणु स्थलों में से एक में काम करता था और उसके पास वह गोपनीय जानकारी थी जिसकी तलाश ईरान के दुश्मन कर रहे थे. उसने ये जानकारी इजराइल को दी थी. न्यायपालिका के मुताबिक, वादी को जासूसी और इजरायल को सूचनाएं देने का दोषी पाया गया.

30 मिलिट्री अधिकारियों की मौत

यह फांसी जून में इजरायल और अमेरिका के साथ हुए 12 दिन के युद्ध के बाद हुई है, जिसमें इजरायल ने ईरान के कम से कम 30 सीनियर मिलिट्री अधिकारियों और 11 परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की थी. ईरानी अधिकारियों ने कबूल किया था कि इजरायल ने उनके सुरक्षा और खुफिया तंत्र में गहरी सेंध लगाई थी, जिससे पहले ही दिन देश की सैन्य कमान को कमजोर कर दिया गया और देश के अंदर से ड्रोन हमले भी किए गए.

ईरान साइंटिस्ट्स को मानता है राष्ट्रीय नायक

रूजबेह वादी की गिरफ्तारी की जानकारी ईरान ने पहले कभी सार्वजनिक नहीं की थी. परमाणु वैज्ञानिक को फांसी देना ईरान जैसे देश के लिए बेहद असामान्य है, जो अपने घरेलू परमाणु कार्यक्रम को गौरव की बात मानता है और वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय नायक मानता है.

कई को दी जा चुकी है फांसी

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि जून में युद्ध के बाद से अब तक ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में 10 लोगों को फांसी दी है. पिछले सप्ताह ईरान के खुफिया मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने इजरायल से जुड़े 20 जासूसों को गिरफ्तार किया है.

ईरान के मुख्य न्यायाधीश गुलाम-हुसैन मोहसिनी एजई ने मंगलवार को कहा कि देश जासूसों के खिलाफ सख्ती से निपटेगा और हाल ही में गिरफ्तार लोगों के मामलों में तेजी लाई जाएगी. उन्होंने कहा था कि जासूसों को पहचानना आसान नहीं है, ये सड़कों पर नहीं मिलते. हमारी खुफिया प्रणाली को उन्हें पहचानकर पकड़ना होगा, लेकिन हमें न्यायिक प्रक्रिया का पालन भी करना होगा.

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