Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जारी है. इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक फोन कॉल ईरान पर इजराइली हमलों को रोक सकता है और पिछले पांच दिनों से चल रहे इजराइल-ईरान युद्ध को खत्म कर सकता है. एक्स पर एक पोस्ट में ईरानी राजनयिक ने कहा कि अगर ट्रंप कूटनीति और संघर्ष को खत्म करने के बारे में वाकई गंभीर हैं तो उन्हें इजराइल से हमला रोकने के लिए कहना चाहिए.
अराघची ने लिखा, "अगर राष्ट्रपति ट्रंप कूटनीति के बारे में गंभीर हैं और इस युद्ध को रोकने में रुचि रखते हैं तो अगले कदम परिणामकारी होंगे. इजराइल को अपनी आक्रामकता रोकनी चाहिए और अगर हमारे खिलाफ सैन्य आक्रामकता जारी रहती है तो हमारी प्रतिक्रिया जारी रहेगी." उन्होंने कहा कि युद्ध को रोकने और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जैसे किसी व्यक्ति पर लगाम लगाने के लिए वाशिंगटन से "एक फोन कॉल" की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, "इससे कूटनीति की वापसी का रास्ता खुल सकता है."
ट्रंप ने ईरान को दी धमकी
वहीं, ट्रम्प ने ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग की. इस बीच, डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायल-ईरान युद्ध की स्थिति पर अपना रुख बदल दिया है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की है, और पत्रकारों से कहा है कि तेहरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ईरान को उस ‘समझौते’ पर हस्ताक्षर करना चाहिए था जिस पर मैंने उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए कहा था. यह कितनी शर्म की बात है, और मानव जीवन की बर्बादी है. सीधे शब्दों में कहें तो ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. मैंने यह बात बार-बार कही है! ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "सभी को तुरंत तेहरान खाली करना चाहिए!"
इज़राइल-ईरान युद्ध
इजरायल ने "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान पर 13 जून को अब तक का सबसे बड़ा हमला किया. सुबह-सुबह राजधानी तेहरान सहित कई शहरों में हवाई हमले किए गए. इस हमले में ईरान के टॉप सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक जैसे आईआरजीसी प्रमुख होसैन सलामी, कमांडर गुलाम अली राशिद, डॉ. मोहम्मद तेहरानची, डॉ. फेरेयदून अब्बासी और सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी को निशाना बनाया गया. यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ताकत को कमजोर करने की बड़ी कोशिश मानी जा रही है। इससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है.