America Attack on Iran: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है, जिससे ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे युद्ध में तनाव और बढ़ गया है.
ट्रंप ने कहा कि ये हमले बहुत कामयाब रहे और उन्होंने नतांज (Natanz), फोर्दो (Fordo) और इस्फहान (Isfahan) में स्थित ठिकानों को निशाना बनाया. इनमें फोर्दो को अहम टारगेट बताया जा रहा है.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने भी रविवार सुबह इन स्थानों पर हमले की पुष्टि की है. इस्फहान के एक अधिकारी ने कहा कि इस्फहान और नतांज के आसपास हमले हुए, लेकिन उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी. एक दूसरे अधिकारी ने पुष्टि की कि अंडरग्राउंड फोर्दो परमाणु स्थल पर हमला हुआ है.
- यह ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम इनरिचमेंट सेंटर है.
- यहां यूरेनियम को 60% तक शुद्ध किया गया था, जो हथियार-ग्रेड स्तर के बहुत करीब है.
- इस जगह का ऊपरी हिस्सा इज़राइली हमलों में पहले ही तबाह हो चुका है. अब अमेरिका ने बाकी हिस्से को भी निशाना बनाया है.
- यहां अंडरग्राउंड भी कुछ सुविधाएं थीं, ताकि हमलों से बचा जा सके.
- यह न्यूक्लियर साइट एक पहाड़ के नीचे छिपी हुई है और इसे हवाई हमलों से बचाने के लिए विशेष सुरक्षा दी गई है.
- यहां भी यूरेनियम इनरिचमेंट होता है, लेकिन यह नतांज जितना बड़ा नहीं है.
- इसे तबाह करने के लिए खास "बंकर बस्टर" बम की ज़रूरत होती है, जैसे अमेरिका के पास GBU-57 बम है.
- इसे गिराने की क्षमता केवल अमेरिकी B-2 स्टेल्थ बॉम्बर के पास है.
- यहां हजारों परमाणु वैज्ञानिक काम करते हैं.
- इसमें तीन चीनी रिसर्च रिएक्टर और एक यूरेनियम कन्वर्ज़न सर्विस है.
- इज़राइल ने पहले भी यहां हमला किया था, लेकिन अब अमेरिका ने भी हमला किया है.
- IAEA के अनुसार, इस जगह पर जिस वक्त इजराइल ने हमला किया उस वक्त यहां रेडिएशन नहीं फैला.
ये सिलसिला 13 जून को इज़राइल ने ईरान के ठिकानों पर अचानक हमलों से शुरू हुआ था. इज़राइल का दावा था कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब था, इसलिए यह हमला ज़रूरी था.ईरान ने भी जवाब में इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जबकि इज़राइल लगातार ईरानी ठिकानों पर हमले करता रहा.