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ईरानी कोर्ट का अमेरिका को बड़ा झटका, इराक और सीरिया में मारे गए ईरानियों के लिए मांगा अरबों का मुआवजा!

Iran News: ईरान की एक कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अमेरिका इराक और सीरिया में मारे गए ईरानियों के परिवारों को मुआवजा दे. इसके साथ ही अमेरिका को दो महीने की मोहलत भी दी है. 

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ईरानी कोर्ट का अमेरिका को बड़ा झटका, इराक और सीरिया में मारे गए ईरानियों के लिए मांगा अरबों का मुआवजा!
MD Altaf Ali|Updated: Nov 17, 2024, 02:38 PM IST
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Irani Court Penalty to America: समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसी 'फार्स' के हवाले से इसकी जानकारी दी. कोर्ट ने कहा कि "अमेरिका को इराक और सीरिया में 'अमेरिका समर्थित आतंकवादी समूहों' से लड़ते हुए मारे गए ईरानियों के परिवारों को 48.86 अरब डॉलर का मुआवजा देना होगा." सिन्हुआ के अनुसार न्यायाधीश माजिद हुसैनजादेह ने शनिवार को तेहरान न्यायालय की 55वीं शाखा में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के 700 सदस्यों द्वारा अमेरिकी सरकार के खिलाफ 'आतंकवादी और  चरमपंथी समूहों को स्पष्ट समर्थन' के लिए दायर शिकायतों की दो सत्रों में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है. 

अमेरिका ने दिया आतंकवाद को बढ़ावा 
फैसले में कहा गया कि अमेरिका समर्थित फैलाने वाले समूहों द्वारा किए गए आतंकवादी अपराधों के नतीजतन, वादियों को महत्वपूर्ण भौतिक और मानसिक नुकसान हुआ है और अपने लोगों की मौत के कारण भावनात्मक दबाव में हैं. कोर्ट ने आतंकवादी समूहों की पहचान 'इस्लामिक स्टेट और अल-नुसरा फ्रंट' के रूप में की और कहा कि 'वे अमेरिकी सहयोग और समर्थन के अभाव में ऐसे अपराध नहीं कर सकते.'

अरबों का मुआवजा देना होगा अमेरिका को 
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के तहत, अमेरिका को प्रत्येक वादी को 10 मिलियन डॉलर, यानी कुल 6.98 बिलियन डॉलर, उन्हें हुए भौतिक नुकसान के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही सभी को 20 मिलियन डॉलर यानी कुल 13.96 बिलियन डॉलर, उन्हें हुई मानसिक क्षति के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है.

अमेरिका के पास सिर्फ दो महीने की मोहलत
कोर्ट ने यह भी फैसला दिया कि अमेरिका को दंडात्मक हर्जाने के रूप में 27.92 बिलियन डॉलर का भुगतान करना चाहिए. स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस फैसले के खिलाफ दो महीने के अंदर अपील की जा सकती हैय आपको बता दें कि ईरान पिछले कुछ सालों से इराक और सीरिया में अपने सैन्य कर्मियों को 'आतंकवादी समूहों' के खिलाफ लड़ने में मदद करने के लिए भेज रहा है. 

 

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