Lebanon News: लेबनान में महिलाओं के बीच हथियार रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अब पहले से ज्यादा महिलाएं रक्षा मंत्रालय से बंदूक रखने का लाइसेंस ले रही हैं. लेबनान में हथियार रखना कोई नई बात नहीं है. यह सिलसिला 1970 के दशक की सिविल वॉर (गृह युद्ध) से पहले से चला आ रहा है. लेकिन आज भी हथियारों के गलत इस्तेमाल और उसके नतीजों की वजह से यह मुद्दा काफी जटिल बना हुआ है।
पहले हथियारों को मर्दानगी से जोड़ा जाता था, लेकिन पिछले दो दशकों में महिलाएं भी सेना और सुरक्षा बलों में हथियार उठाकर इस सोच को तोड़ चुकी हैं. अब आम महिलाएं भी सेफ्टी के लिए बंदूक खरीदने और ट्रेनिंग लेने के लिए आगे आ रही हैंय
अरब न्यूज के मुताबिक सिंथिया याकूब, 33 साल की एक लेबनानी शूटिंग ट्रेनर हैं. उन्होंने कहा, "हमारे देश में बंदूक कल्चर है, और मेरा मतलब सिर्फ हथियारों को इकट्ठा करने वालों से नहीं है. असली दिक्कत ये है कि लोग नहीं जानते कि बंदूक को कब और कैसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए और गलत इस्तेमाल के क्या टेक्निकल और कानूनी नतीजे हो सकते हैं.”
उन्होने आगे कहा,"आजकल की पीढ़ी (30-40 साल के लोग) यूट्यूब से शूटिंग सीख रही है. बच्चे भी PUBG जैसे वीडियो गेम्स से बंदूकें सीख रहे हैं और उनमें इसके लिए रुचि बढ़ रही है. 50 साल की उम्र के लोग दो हिस्सों में बंटे हैं. कुछ वो जिन्होंने सिविल वॉर में हथियार उठाए थे और कुछ वो जो आज भी बंदूक से डरते हैं."
इसकी अहम वजह खुद की सेफ्टी है. कुछ महिलाओं के पति विदेश में काम करते हैं, तो वे अकेले रहते हुए सुरक्षा चाहती हैं. कुछ महिलाओं के लिए ये एक शौक है, जैसे कोई खेल. 50-60 की उम्र की महिलाएं भी अब रोमांचक चीज़ें आज़माना चाहती हैं, जैसे घुड़सवारी, शूटिंग, स्काई डाइविंग आदि.
रिपोर्ट के मुताबिक हनान डेमियन नाम की महिला ने बताया कि उन्होंने सिंथिया को सोशल मीडिया पर देखकर शूटिंग सीखना शुरू किया. इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ता है, और मुझे रोमांच पसंद है. सिंथिया का कहना है कि महिलाओं में ध्यान और शांति ज्यादा होती है, जिससे वे जल्दी सीखती हैं. जब वे क्लब से निकलती हैं तो उन्हें खुद पर विश्वास और शक्ति महसूस होती है. मुझे खुद ऐसा लगता है. अब कोई भी मुझसे बत्तमीजी नहीं करता, भले ही मैं हथियार लेकर न चलूं.