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तालिबान पर जमकर बरसीं मलाला; कहा- मजहब की आड़ में रोकी जा रही मुस्लिम लड़कियों की तालीम

Malala on Taliban: मलाला यूसुफजई ने तालिबान को खरी कोटी सुनाई है. वह पाकिस्तान में एक सम्मेलन में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि तालिबान मजहब की आड़ में लैंगिक मतभेद कर रहा है.

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तालिबान पर जमकर बरसीं मलाला; कहा- मजहब की आड़ में रोकी जा रही मुस्लिम लड़कियों की तालीम
Zee Salaam Web Desk|Updated: Jan 13, 2025, 07:04 AM IST
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Malala on Taliban: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने रविवार को अफगान तालिबान शासन की आलोचना की है. उन्होंने मुस्लिम लड़कियों को तालीम से दूर रखने के लिए तालिबान की आलोचना की है. मलाला का कहना है कि तालिबान ने अपराधों को संस्कृति और मजहब की आड़ में छिपाकर औरतों के खिलाफ 'लैंगिक रंगभेद' की व्यवस्था स्थापित की है. इस्लामाबाद में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे और आखिरी दिन मुस्लिम देशों में लड़कियों की तालीम के विषय पर उन्होंने कहा, 'आसान लफ्जों में कहें तो तालिबान औरतों को इंसान नहीं मानता. वे अपने अपराधों को सांस्कृतिक और धार्मिक औचित्य की आड़ में छिपाते हैं. ये नीतियां मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं और इस्लामी तालीम में इनका कोई आधार नहीं है."

मलाला ने तालिबान की आलोचना की
तालिबान ने साल 2021 में अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार को गिराकर फिर से सत्ता हासिल कर ली और तब से औरतों को तालीम के हक से दूर करने सहित कई औरत मुखालिफ नीतियों को वैध बनाकर, अफगानिस्तान पर बेखौफ शासन कर रहा है. नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला (27) ने अफगान सरकार के देश में इस्लामी व्यवस्था लागू करने के दावे पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है और कोई भी सांस्कृतिक या धार्मिक बहाना उन्हें उचित नहीं ठहरा सकता." 

यह भी पढ़ें: Malala Yousafzai का इजरायल पर हमला, नेतन्याहू की लगा दी क्लास

मुस्लिम देश तालिबान को न दें मान्यता
मलाला यूसुफजई ने मुस्लिम नेताओं से गुजारिश की है कि वे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने से बचें और औरतों और लड़कियों की तालीम को सीमित करने वाली उनकी नीतियों के खिलाफ खड़े होकर असली कयादत करें. उन्होंने मुस्लिम नेताओं से कहा, "उन्हें वैध मत बनाइए", क्योंकि उन्होंने तालिबान शासन को "लैंगिक रंगभेद के अपराधी" करार दिया.  उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में लड़कियों की एक पूरी पीढ़ी से उनका भविष्य छीना जा रहा है. उन्होंने कहा, "तालिबान ने हर अफगान लड़की से सीखने का अधिकार छीन लिया है और वे औरतों और लड़कियों को सार्वजनिक जीवन के हर पहलू से खत्म करना चाहते हैं और उन्हें समाज से मिटा देना चाहते हैं." 

मलाला ने जतया संतोष
मलाला ने यह भी कहा कि 1.2 करोड़ पाकिस्तानी लड़कियां स्कूल से बाहर हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा तादाद में से एक है. मलाला ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि यह सम्मेलन पाकिस्तान में हो रहा है. उन्होंने गाजा में इजराइल की कार्रवाई की भी आलोचना की और उस पर इलाके की शिक्षा प्रणाली को खत्म करने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाया.

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