Operation Sindoor: एक साहसी मिलिट्री ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर में मौजूद मरकज़ सुब्हान अल्लाह को पूरी तरह तबाह कर दिया. यह जगह पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर मानी जाती थी.
यह एयरस्ट्राइक ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई थी, जो हाल के सालों में भारत की सबसे सटीक और बड़ी सीमापार कार्रवाइयों में से एक रही. इसका मकसद सीधे-सीधे भारत विरोधी आतंक की योजना बनाने वाले ठिकानों को खत्म करना था. इस हमले के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें ढांचा मलबे में तब्दील हुआ दिख रहा है.
बहावलपुर में मौजूद यह कैंप सिर्फ एक ट्रेनिंग कैंप नहीं था. यह जैश-ए-मोहम्मद के को बनाने वाले मसूद अजहर का अहम ठिकाना था और संगठन की विचारधारा और गतिविधियों का मुख्य केंद्र माना जाता था. खुफिया रिपोर्टों में लंबे समय से इसे कट्टरपंथी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था. यहां आतंकियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी और साथ ही सीमा पार जाकर हमला करने का भी प्लान तैयार हुआ करता था. इसे आतंकियों के मेन हम के तौर पर देखा दा रहा था. लेकिन, अब हमले के बाद यह खंडहर के अलावा कुछ नहीं है.
इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के प्रमुख अड्डों को निशाना बनाया गया है. प्रमुख ठिकानों में शामिल थे.
1- मरकज़ सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर)*
2- मरकज़ तैयबा (मुरीदके)*
3- सरजल / टेहड़ा कलां*
4- मेहमूना जोया (सियालकोट)*
5- मरकज़ अहले हदीस (बरनाला)*
6- मरकज़ अब्बास और मसकर रहील शाहिद (कोटली)*
7- शवाई नाला कैंप और सय्यदना बिलाल मरकज़ (मुजफ्फराबाद)*
यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 आम नागरिकों की मौत हो गई थी. ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के जरिए ज्वाइंट ऑपरेशन के तौर पर चलाया गया था. जो किसी भी ऑपरेशन में बहुत दुर्लभ होता है. यह हमला एक लंबी जांच पड़ताल के बाद किया गया था, जिसमें किसी सैन्य अड्डे या सिविलियन को टारगेट नहीं किया गया है.