trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02696899
Home >>Muslim World

बलोच कार्यकर्ताओं के रिहाई की मांग भड़का पाकिस्तान, UN पर लगाए 'चुनिंदा आलोचना' के आरोप

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार (27 मार्च) को संयुक्त राष्ट्र (UN) के मानवाधिकार विशेषज्ञों के जरिये बलूच अधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए की गई अपील को "चुनिंदा आलोचना" करार दिया.

Advertisement
संयुक्त राष्ट्र- फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र- फाइल फोटो
Zee Salaam Web Desk|Updated: Mar 27, 2025, 10:33 PM IST
Share

Pakistan News Today: पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार (27 मार्च) को संयुक्त राष्ट्र (UN) के मानवाधिकार विशेषज्ञों के जरिये बलूच अधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए की गई अपील को "चुनिंदा आलोचना" करार दिया. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि "आतंकवादियों और उनके मददगारों" के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं बरती जा सकती.

क्वेटा पुलिस ने 21 मार्च को बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के सामने बलूच यकजेहती समिति (BYC) के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर धावा बोला दिया था. इसमें हिरासत में लिए गए और जबरन गायब किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की गई थी. इसके बाद हुई हिंसा में पुलिस ने तीन लोगों को मार डाला, कई लोगों को घायल कर दिया और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.

महरंग बलूच समेत कई गिरफ्तार

महिला मानवाधिकार रक्षक और आंदोलन की नेता महरंग बलूच ने पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के शवों के साथ पुलिस हिंसा का विरोध करने के लिए धरना आयोजित किया. क्वेटा के सरियाब रोड पर 22 मार्च को विरोध स्थल पर पुलिस ने छापा मारा और महरंग बलूच सहित कई बीवाईसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. 

इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. महरंग का ठिकाना कथित तौर पर लगभग 12 घंटे तक अज्ञात रहा और उन्हें परिवार से मिलने या कानूनी सलाह लेने से वंचित रखा गया. महरंग और कई अन्य बीवाईसी सदस्यों पर कथित तौर पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

UN ने जताई चिंता

एक अन्य प्रमुख बीवाईसी सदस्य और महिला मानवाधिकार रक्षक, सम्मी दीन बलूच को 24 मार्च को कराची प्रेस क्लब के सामने कराची पुलिस  ने दूसरे लोगों के साथ गिरफ्तार किया था, क्योंकि वह इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध कर रही थीं. सिंध मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर ऑर्डिनेंस के तहत कथित तौर पर उन्हें 30 दिन के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है.

इस घटनाक्रम के बाद बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने मांग की कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के मानवाधिकार रक्षकों को रिहा करे और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई बंद करे. मानवाधिकार विशेषज्ञों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में लिए गए बीवाईसी नेताओं महरंग बलूच, सम्मी दीन बलूच और अन्य मानवाधिकार रक्षकों के कल्याण के लिए चिंता व्यक्त की है.

मुस्लिम माइनॉरिटी की ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam

Read More
{}{}