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Pakistan News: SC ने पेशावर HC का फैसला पलटा; इमरान खान से जुड़ा है मामला

Pakistan News: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के इंतेखाबी निशान 'बल्ले' को बहाल करने संबंधी पेशावर हाईकोर्ट के फैसले को  'त्रुटिपूर्ण' करार दिया है.

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Pakistan News: SC ने पेशावर HC का फैसला पलटा; इमरान खान से जुड़ा है मामला
Sabiha Shakil|Updated: Jan 13, 2024, 01:49 PM IST
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Imran Khan News: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के इंतेखाबी निशान 'बल्ले' को बहाल करने संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले को  'त्रुटिपूर्ण' करार दिया है. SC के प्रधान न्यायाधीश का ये तब्सिरा इमरान खान को मुश्किल में डाल सकता है. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को पेशावर हाईकोर्ट (पीएचसी) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी थी. इलेक्शन कमीशन ने इमरान खान की पार्टी में संगठनात्मक चुनावों को 'असंवैधानिक' घोषित करके पार्टी के चुनाव चिह्न 'बल्ले' को रद्द कर दिया था, जिसे पेशावर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.

'जियो न्यूज' की खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि क्या उच्च न्यायालय ने पीटीआई के संगठनात्मक चुनावों को कानून के अनुरूप पाया और पूछा, ''बल्ले' को चुनाव चिह्न के तौर पर आवंटित करने का मुद्दा बाद में आता है. सबसे पहले, हमें पार्टी के आंतरिक चुनावों का जायजा लेकर उसकी समीक्षा करने की जरूरत है. जस्टिस ईसा के हवाले से खबर में कहा गया, ''अदालत ने सिर्फ यह हुक्म दिया कि पीटीआई को उसका चुनाव चिह्न वापस दिया जाना चाहिए. पेशावर हाईकोर्ट का फैसला पहली नजर में गलत करार दिया है.

बता दें कि पाकिस्तान में आम चुनाव 8 फरवरी को होने हैं. इस मामले में जस्टिस तारिक नदीम और अबुल अजीज ने क्रमशः लाहौर की एनए-122 और मियांवाली एनए-89 सीटों पर फैसले का ऐलान किया. इमरान खान ने साल 2018 के इलेक्शन में दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थीं. इलेक्शन ऑफिसर ने 30 दिसंबर को खान और पार्टी के कई दूसरे लीडरों की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था. 71 साल के पूर्व पीएम खान ने जस्टिस के सामने दलील दी थी कि तोशाखाना मामले की कन्विक्शन संविधान के तहत ‘गैर ईमानदार और सही नहीं’ होने की वजह से उनकी अयोग्यता से कोई रिश्ता नहीं है, इसलिए उनके नोमिनेशन पेपर को खारिज नहीं किया जा सकता है.

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