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तालिबान सरकार को इस ताकतवर मुस्लिम देश ने दी मान्यता, काबूल में खोला दूतावास

Saudi Arabia Taliban Political Relations: 15 अगस्त 2021 को अफ़गानिस्तान में सरकार गिरने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद सऊदी अरब समेत कई देशों की सरकारों ने अफ़गानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था. अब सऊदी अरब ने बड़ा फैसला किया है.

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तालिबान सरकार को इस ताकतवर मुस्लिम देश ने दी मान्यता, काबूल में खोला दूतावास
Tauseef Alam|Updated: Dec 23, 2024, 10:02 PM IST
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Saudi Arabia Taliban Political Relations: सऊदी अरब और तालिबान के बीच कड़वाहट खत्म हो गई है. सऊदी सरकार ने अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है. सऊदी के इस फैसले से तालिबान बेहद खुश है और  MBS सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है. यानी सऊदी काबुल के साथ राजनयिक संबंध बहाल करने का फैसला किया है. MBS सरकार ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इन गतिविधियों के जरिए दोनों देशों के बीच संबंध और बेहतर होंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग की भावना भी मजबूत होगी. रियाद के इस कदम से हम सऊदी अरब में रह रहे अफगानों की समस्याओं का जवाब भी दे पाएंगे. 

सऊदी ने दी दूतावास खोलने की जानकारी
इससे पहले रियाद सरकार ने इस फैसले की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि अपने भाईचारे वाले अफगान लोगों को सभी सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से सऊदी अरब सरकार 22 दिसंबर से काबुल में अपना दूतावास फिर से शुरू करेगी. हालांकि, सऊदी विदेश मंत्रालय ने दूतावास के प्रतिनिधित्व के स्तर पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 

सऊदी ने बंद कर दिया था दूतावास
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2021 को अफ़गानिस्तान में सरकार गिरने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद सऊदी अरब समेत कई देशों की सरकारों ने अफ़गानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था. उस समय तालिबान ने सभी देशों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि यह पुराना तालिबान नहीं बल्कि नया तालिबान है, लेकिन अफ़गानिस्तान में अस्थिर स्थिति को देखते हुए देशों ने अपने नागरिकों को वहाँ रखना उचित नहीं समझा और उन्हें वापस बुला लिया.

इन देशों का क्या है स्टैंड
सऊदी अरब के अलावा पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और खाड़ी देशों ने भी इसे काफी हद तक स्वीकार कर लिया है. अब तक रूस और चीन जैसे बड़े देशों ने तालिबान को मान्यता दे दी है और अफगानिस्तान में अपने दूतावास भी खोल दिए हैं. हालांकि, भारत ने अभी तक अपना स्टैंड साफ नहीं किया है.

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